बाबूलाल मरांडी ने फिर लपक लिया है उड़ता तीर !
- Posted on April 8, 2025
- राजनीति
- By Bawal News
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रांची : बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने फिर से उड़ता तीर लपक लिया है. विपक्ष में हैं तो जाहिर कि सरकार को घेरने के लिए मुद्दे चाहिए ही उन्हें, लेकिन कई बार वे सरकार के खिलाफ ऐसे मुद्दे पकड़ लेते हैं कि उन्हें लेने के देने पड़ जाते हैं. इस बार कुछ ऐसा ही हुआ है. दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर रामनवमी में दहशतगर्दों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश जारी हुआ था. इसे लेकर आईपीआरडी से जारी प्रेस विज्ञप्ति में लिखे दहशतगर्द शब्द का ट्रांसलेटर के जरिए पोस्टमार्टम कर बाबूलाल मरांडी सरकार को ट्विटर पर घेर बैठे. कहा कि दहशतगर्द शब्द का ऊर्दू अनुवाद आतंकवादी होता है और हेमंत सरकार ने अपने आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में झारखंड के बहुसंख्यक हिंदू समाज के लिए 'दहशतगर्द' यानी आतंकवादी शब्द का प्रयोग किया है, जो बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है.
बाबूलाल ने क्या लिखा
बाबूलाल मरांडी ने लिखा “किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपेक्षा होती है कि वह सभी नागरिकों के प्रति समान व्यवहार और सम्मानजनक भाषा अपनाएं, लेकिन यहां उन्होंने भड़काऊ और विभाजनकारी शब्दों का प्रयोग कर अपनी दुर्भावनापूर्ण सोच को उजागर किया है. यह ठीक वैसा ही प्रयास है जैसा कांग्रेस ने पहले मजहबी आतंकवादियों को बचाने के लिए ‘हिंदू आतंकवाद’ का झूठा नैरेटिव गढ़ने का प्रयास किया था. अब उसी राह पर हेमंत सोरेन चलते हुए, एक सोची-समझी रणनीति के तहत, झारखंड में बहुसंख्यक समाज को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. झारखंड की जनता हेमंत सोरेन के इस नफरती और जिहादी सोच को सफल नहीं होने देगी. मुख्यमंत्री तत्काल बहुसंख्यक हिंदू समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें और स्पष्ट करें कि अपने ही नागरिकों के प्रति ऐसा अपमानजनक और आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल करने के पीछे उनका इरादा क्या था?...अन्यथा, झारखंड की जनता करारा जवाब देगी.”
इधर बाबूलाल ने ट्विट किया उधर यूजर्स ने बाबूलाल को खरी-खोटी सुनाना शुरू कर दिया.
यूजर Aditya Kumar ने लिखा :- “मानिए @yourBabulal जी आप राजनीति में आने से पहले एक शिक्षक थे और आप भली भांति समझते होंगे कि, सरकार का विज्ञप्ति एक IAS रैंक का अधिकारी द्वारा जारी किया जाता हैं "दहशर्गत" सिर्फ किसी विशेष धर्म के लिए नहीं, सभी धर्म के लिए उपयोग किया गया हैं. कृप्या शिक्षक की गरिमा को बनाएं रखें.’’
Pratyush Raj ने लिखा :- “गज़ब की बुद्धि हो गई है आपकी. ये कहां लिखा हुआ है कि जो हिंदू लोग जुलूस निकालेंगे वो दहशतगर्द हैं? इसका मतलब आपको हिंदी पढ़ना और समझना बिल्कुल नहीं आता,ऐसा प्रतीत होता है. कुछ भी करके समाचार में बने रहने की चक्कर में आप खुद फंस जाते हैं महोदय.”
Syed Afroz ने लिखा :- “हाय रे मंदबुद्धि आदमी ! क्या हो गया है आपके सोचने समझने की सलाहियत को, नहीं मिलने वाली मुख्यमंत्री की कुर्सी. क्यों इतनी नफरत और भ्रम फैला रहे हो जनता के बीच? पढ़ने पाने वाला बच्चा भी समझ सकता है कि @HemantSorenJMM जी क्या बोलना चाह रहें हैं लेकिन आप…”
Umar Faruk ने लिखा :- “आप झारखंड के पहले मुख्यमंत्री हैं और आपकी सोच इतनी बेकार मुझे पता ही नहीं. उन्होंने किसी एक कास्ट का नाम बोला है नहीं ना ? फिर आप अपना दिमाग क्यों खराब कर रहे हैं. विकास के बारे में जो कमी है उसके बारे में बोलें वह सही रहेगा. शांति से त्योहार पार हो गया. बस आपको उनको बधाई देना चाहिए.”
पैदल राही ने लिखा :- “इसमें किसी पर्टिकुलर कम्युनिटी का नाम नही लिया गया है, उड़ता हुआ तीर अपने उपर मत लियो. तुष्टिकरण कि हद है यार… सीएम बनते ही मुसलमानों को क्या करेंगे आप. एक हैं आपके मुखिया जो हमे कपड़ों से पहचानते. काम धाम की बात करो मोदी जी से बात करके जीएसटी के पैसे मांगो.’’
सत्यवाणी ने लिखा :- आ गए चचा अपनी हाजिरी लगाने.. .हमारे सांसद @Manishjhzb शिक्षा रोजगार के जगह तलवार बांट रहे थे तो इनकी नजर नहीं पड़ी. गजब के टोपीबाज हैं.”
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