अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 मजदूर, तीन माह से नहीं मिला वेतन - सरकार से लगाई वतन वापसी की गुहार

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (9)-fe1w4geSKF.jpg

झारखंड के प्रवासी मजदूरों का एक और चिंताजनक मामला सामने आया है. हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिलों के 48 मजदूर अफ्रीका के ट्यूनीशिया में पिछले तीन महीनों से फंसे हुए हैं. मजदूरों का आरोप है कि जिस कंपनी में वे काम कर रहे थे, उसने पिछले तीन माह से उनका वेतन रोक रखा है, जिसके कारण उनके सामने खाने-पीने का संकट उत्पन्न हो गया है.

ट्यूनीशिया में फंसे इन मजदूरों ने एक वीडियो संदेश जारी कर मदद की गुहार लगाई है. वीडियो में उन्होंने कहा है— “हम यहां बेहद खराब हालात में हैं. कंपनी ने हमारा वेतन नहीं दिया है. हमारे पास खाने के पैसे भी नहीं बचे हैं. हम बस किसी तरह अपने घर लौटना चाहते हैं.”

मजदूरों ने अपने बकाया वेतन के भुगतान और सुरक्षित वतन वापसी की मांग की है. इनमें हजारीबाग के 19, गिरिडीह के 14 और बोकारो के 15 मजदूर शामिल हैं.

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की सरकार से हस्तक्षेप की मांग

प्रवासी श्रमिकों के मुद्दों पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल कूटनीतिक हस्तक्षेप कर मजदूरों को सकुशल भारत वापस लाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब झारखंड के मजदूर विदेशों में फंस गए हों. पहले भी कई बार मजदूर बेहतर कमाई की उम्मीद में विदेश जाते हैं, लेकिन धोखे का शिकार हो जाते हैं. बहुत मशक्कत के बाद ही सरकार और समाजसेवियों की मदद से उनकी वतन वापसी संभव हो पाती है.

सिकंदर अली ने कहा, “सरकार को मजदूरों के पलायन पर रोक लगाने के लिए राज्य में स्थानीय स्तर पर रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि उन्हें मजबूरी में विदेश न जाना पड़े.” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 25 अप्रैल 2025 को साउथ अफ्रीका के नाइजर में बगोदर के दोंदलो पंचायत के संजय महतो, चंद्रिका महतो, राजू महतो, फलजीत महतो और मुंडरो के उत्तम महतो का अपहरण हो गया था, जिनका अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. यह ताजा घटना एक बार फिर झारखंड से हो रहे प्रवासी मजदूरों के पलायन और सुरक्षा के सवालों को सामने ला रही है, जिन पर तत्काल सरकारी कार्रवाई की मांग उठ रही है.

फंसे मजदूरों की लिस्ट -

हजारीबाग जिले से 19 मजदूर

अमरदीप चौधरी(ऊंचाघाना)
जिवाधन महतो(ऊंचाघाना)
धानेश्वर महतो(ऊंचाघाना)
जागेश्वर कुमार महतो(ऊंचाघाना)
गोविंद कुमार महतो(ऊंचाघाना)
खिरोधर महतो(ऊंचाघाना)
नागेंद्र कुमार महतो(ऊंचाघाना)
कैलाश महतो(ऊंचाघाना)
नीलकंठ महतो(ऊंचाघाना)
अनंतलाल महतो(बंदखारो)
खुशलाल महतो(बंदखारो) 
जगतपाल महतो(बलकमक्का) 
मुकेश कुमार(खरकी)
मंटू महतो (ज्ञानगढ़ा)
गंगाधर महतो (मुरगामो)
मुकेश कुमार(चानो)
दिनेश तुरी (खरना)
देवेंद्र ठाकुर (खरना)
शंकर घांसी (खेदाडीह)

गिरिडीह जिले से 14 मजदूर

नंदलाल महतो(माहुरी) 
संतोष महतो (अडवारा)
गुरुचरण महतो (बेको)
मनोज कुमार मंडल (दोंदलो)
खुबलाल महतो(दोंदलो)
अशोक कुमार (मुंडरो)
झंडू महतो(कोसी)
सेवा महतो(कोसी)
मुरली मंडल (उलीबार)
सुखदेव सिंह (लोवाबार)
संजय कुमार(जरूवाडीह)
संजय कुमार महतो (खुखरा)
सुनील टूड्डू (बेरागढा खुर्द)
मिरुलाल हसदा(बेरागढा खुर्द)

बोकारो जिले से 15 मजदूर

अजय कुमार (फतेहपुर)
अनिल कुमार (फतेहपुर)
 गोपाल महतो (खलचो)
राजेश करमाली (पेटरवार)
 लालू करमाली (चिलगो)
जगन्नाथ महतो (चिलगो)
रूपलाल महतो (चुन्नू महुआटांड़)
दीपक सिंह (तिसरी)
कारु सिंह (तिसरी)
जगन्नाथ महतो (सीधाबारा)
बिरसाही तुरी(सीधाबारा)
सुबोध मरांडी (तिसरी)
मनोज कुमार रविदास (करी)
खेदन सिंह (क्रुकनालो)
सुखदेव महतो(तिसरी)

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