रांची
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की महिलाओं से किये वादे को पूरा किया. उन्होंने रांची के नामकुम स्थित आर्मी ग्राउंड में आयोजित झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के समारोह में
56
लाख
61791
महिलाओं के खाते में बढ़ी हुई राशि 2500 रुपये प्रतिमाह की पहली किस्त ट्रांसफर की. लाभुकों के बैंक खाते में
1415
करोड़
4477
रुपए डीबीटी के जरिये हस्तांतरित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने आधी आबादी को सशक्त बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना की परिकल्पना को जिस मजबूती के साथ धरातल पर उतारा है
,
उसकी चर्चा पूरे देश मे हो रही है. हमारी इस महत्वाकांक्षी योजना को कई अन्य राज्य रोल मॉडल के रूप में देखते हुए उसे अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. मैं पूरे यकीन के साथ कर सकता हूं कि महिलाओं को आगे ले जाने में यह योजना निर्णायक साबित होगी.
आपके आशीर्वाद से हमें एक नई ताकत मिली
:
हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने कहा कि आपने हमें जो आशीर्वाद और सम्मान दिया है
,
उससे हमें एक नई ऊर्जा और ताकत मिली है. हमारी सरकार महिलाओं को मान-सम्मान स्वाभिमान और हक अधिकार देने के साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम ने कहा जब तक महिला- पुरुष कदम से कदम मिलाकर नहीं चलेंगे
,
यह राज्य और देश आगे नहीं बढ़ेगा. लेकिन
,
अफसोस इस बात का है कि इस देश में कई नीतियां
,
कार्यक्रम और योजनाएं बनीं
,
फिर भी आधी आबादी आज भी विकास से कोसों दूर है. महिलाओं को वह ताकत नहीं मिला
,
जिसके माध्यम से वे खुद और अपने घर परिवार के साथ राज्य और देश के विकास का हिस्सा बन सके. इसी बात को ध्यान में रखकर हमने महिलाओं को आगे बढ़ने का संकल्प लिया. इस दिशा में मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना के माध्यम से कदम बढ़ाने का काम किया है.
जरूरतों को पूरा कर आमदनी भी बढ़ा सकेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के माध्यम से हमारी सरकार ने एक ऐसी व्यवस्था आपको दी है
,
जिसमें आपके सपनों को पूरा करने की पूरी क्षमता होगी. आप इस पैसे से ना सिर्फ अपनी जरूर को पूरा कर सकेंगे बल्कि उसके माध्यम से अपने बच्चों के बेहतर पठन-पाठन के साथ अपनी आमदनी को बढ़ाने का भी मौका मिलेगा. यह सिर्फ एक योजना मात्र नहीं है बल्कि आपको आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का एक सशक्त माध्यम है.
पैसे का महत्व महिलाओं से बेहतर कोई नहीं समझ सकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं घर परिवार भी चलाती हैं और कामकाज भी करती है. ऐसे में पैसे का महत्व उनसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता है. यही वजह है कि हमारी सरकार घर- परिवार चलाने वाली महिलाओं पर राज्य को आगे ले जाने का जिम्मा भी सौंप रही है. अब महिलाओं के जरिए राज्य की अर्थव्यवस्था का पहिया घुमाने का प्रयास हो रहा है
,
क्योंकि इस राज्य को विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करने में आधी आबादी की अहम भूमिका होगी.
बैंकों को नजरिया बदलना होगा
हेमंत सोरेन
ने कहा कि झारखंड के प्रति बैंकों का रुख बहुत अच्छा नहीं है. यहां के गरीब लोग बैंकों में जो पैसा जमा करते हैं
,
उसका इस्तेमाल कहीं और होता है. यहां के लोगों को बैंकों से जो मदद मिलनी चाहिए वह नहीं मिलती है
,
लेकिन अब बैंकों को अपना रुख बदलना होगा और इस राज्य और यहां के लोगों की जरूरत के अनुरूप उन्हें कार्य करना होगा.





