हेमंत जिस मंईयां सम्मान योजना पर छाती ठोकते हैं वह मेरी है, सरायकेला में बोले EX CM चंपई

चंपई ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद 5 महीने राज्य में सत्ता संभालने का मौका मिला था. उस दौरान कैलेंडर बनाकर योजनाओं को स्वीकृत किया था.

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सरायकेला : सीएम हेमंत सोरेन जिस मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना पर अपनी छाती ठोकते हैं उसे मैंने लाया था. सरायकेला में बीजेपी के परिवर्तन यात्रा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने यह बातें कही. कहा चाहे बहाली हो या फ्री में बालू देना हो. यह सारे काम मेरे थे. झारखंड में लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद पांच महीने तक सत्ता संभालने का मौका मिला. उस दौरान केलेन्डर बनाकर आईने की तरह योजनाओं को स्वीकृत किया. चंपई ने कहा कि रैली में मौजूद भीड़ यह संकेत दे रही है कि परिवर्तन निश्चित होगा. आदिवासी और मूलवासियों को फिर से अमन-चैन से जीने का मौका मिलेगा.

संकट में है आदिवासियों का अस्तित्व

पूर्व सीएम ने कहा कि आज आदिवासियों का अस्तित्व संकट में है. संथाल के लोगों ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद को स्वीकार नहीं किया, लेकिन आज उसी धरती में बांग्लादेशी घुसपैठिये घुसकर जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. वहां की सामाजिक व्यवस्था को तोड़ रहे हैं. इस घुसपैठ को सिर्फ बीजेपी ही रोक सकती है. बांग्लादेशियों को अगर कोई भगा सकता है तो वह बीजेपी ही है. आदिवासियों की अस्मिता को दूसरा कोई दल नहीं बचा सकता है.

कांग्रेस को आदिवासियों से मतलब नहीं

चंपाई ने कहा कि कांग्रेस ने देश में लंबे समय तक राज किया, लेकिन उसने आदिवासियों और मूलवासियों के बारे में कभी नहीं सोचा. अलग झारखंड राज्य बीजेपी की देन है. बीजेपी ने यहां के आदिवासियों और मूलवासियों के के दर्द को समझा. उन्होंने हो भाषा का जिक्र करते हुए कहा कि ओलचीकी भाषा को आंठवी अनुसूची किया गया है. हो भाषा को भी जल्द ही आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा. इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है. 

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