आचार संहिता लागू होते ही फंसे पप्पू यादव, वैशाली में 5 लाख रुपये बांटने पर चुनाव आयोग ने दर्ज कराया मामला

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism-oieC4J2ZbA.jpg

Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है, और इसी बीच पूर्व सांसद पप्पू यादव एक बार फिर विवादों में आ गए हैं. गुरुवार को वैशाली जिले के सहदोई थाना क्षेत्र के गणियारी गांव में उन्होंने कथित रूप से बाढ़ पीड़ितों को नकद पैसे बांटे, जिस पर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज कराया है.

चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान

यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब एक प्रमुख स्थानीय अखबार प्रभात खबर के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इस घटना की रिपोर्ट सामने आई. चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए पप्पू यादव के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. आयोग के नियमों के तहत आचार संहिता लागू रहने की अवधि में किसी भी नेता द्वारा नकद राशि, उपहार या आर्थिक सहायता देना कानूनन अपराध माना जाता है, क्योंकि यह मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश समझी जाती है.

बाढ़ पीड़ितों को दी गई आर्थिक सहायता

गणियारी गांव हाल ही में गंगा नदी के कटाव से प्रभावित हुआ है, जहां कई परिवार बेघर हो गए हैं. पप्पू यादव ने मौके पर पहुंचकर इन पीड़ितों से मुलाकात की और करीब 80 परिवारों को कुल मिलाकर 5 लाख रुपये की नकद सहायता दी. स्थानीय लोगों के अनुसार, उन्होंने यह राशि खुलेआम वितरित की, जिसकी सूचना मीडिया और बाद में प्रशासन तक पहुंच गई.

पप्पू यादव की सफाई: ‘यह राजनीति नहीं, मानवता है’

पप्पू यादव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी तरह की चुनावी लाभ उठाना नहीं था. उन्होंने कहा, "मैंने यह सहायता सिर्फ मानवता के नाते की है. जब लोग घर से बेघर हो रहे हैं, तब एक जनप्रतिनिधि का फर्ज है कि वह उनके साथ खड़ा हो." उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह राहत कार्य किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया गया था, बल्कि ज़रूरतमंदों की मदद के तौर पर था.

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