कहां से आ गईं 174 मुस्लिम महिलाएं, क्या घुसपैठिये ले रहे मंईयां योजना का लाभ?
- Posted on May 16, 2025
- झारखंड
- By Bawal News
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Ranchi: यह सच है कि हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के सहारे भारी बहुमत के साथ झारखंड की सत्ता में वापसी की, लेकिन यह भी सच है कि इस योजना में फर्जीवाड़ा कम नहीं है. अलग-अलग जिलों से फर्जीवाड़ा की सैकड़ों शिकायतें आ चुकी हैं. अपात्र लाभुकों को इस योजना के तहत राशि मिल चुकी है. हर रोज जांच में अपात्र लाभुकों की संख्या बढ़ती जा रही है. बीजेपी इसे लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है. वहीं अब बीजेपी ने मंईयां सम्मान योजना को अपने चुनावी मुद्दे यानी बांग्लादेशी घुसपैठ से जोड़कर फिर से सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है.
पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने सरकार को घेरा
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना पर सवाल करते हुए सरकार को घेरा है. चंपाई सोरेन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर मंईयां योजना को लेकर अखबार में छपी एक खबर की तस्वीर शेयर करते हुए एक पोस्ट साझा किया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि चाकुलिया में हजारों की संख्या में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनने के बाद अब घाटशिला के हेंदलजुड़ी पंचायत में मंईयां सम्मान योजना के 409 लाभुकों की सूची में 174 मुस्लिम महिलाएं हैं. जबकि आठ गांवों वाले इस पंचायत के किसी भी गांव में कोई भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता है.
घुसपैठियों के डॉक्यूमेंट आसानी से बन रहे
चंपई सोरेन ने आगे लिखा है कि एक ओर आदिवासी-मूलवासी समाज की महिलाओं का आवेदन किसी ना किसी बहाने से रद्द किया जा रहा है, उन्हें कार्यालयों में दौड़ाया जा रहा है. वहीं इन घुसपैठियों के सारे कागजात आसानी से बन रहे हैं. इन्हें सरकारी पैसे दिलवाने वाले तथा इनको संरक्षण देने वाले कौन लोग हैं? जब वहाँ कोई मुस्लिम परिवार ही नहीं रहता, तो इनके आवेदनों का सत्यापन किस ने किया? अगर पूरे झारखंड में जाँच हो, तो फर्जीवाड़े के ऐसे लाखों मामले मिलेंगे. क्या इन घुसपैठियों को शरण देने के लिए ही अलग झारखंड राज्य बना था?
क्या है पूरा मामला
अब पूरा मामला समझ लीजिए. दरअसल पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड से मंईयां सम्मान योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया था. यहां मंईयां योजना की स्वीकृत सूची में 409 लाभुकों में से 174 मुस्लिम महिलाओं के नाम शामिल थे. जबकि इस पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता है. इसके साथ ही इन महिलाओं के नाम के साथ-साथ राशन कार्ड नंबर, मोबाईल नंबर और आधार कार्ड नंबर भी अंकित मिले. ऐसे में राशन कार्ड में भी गड़बड़ी की बात सामने आ रही है.
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