New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद खेल महोत्सव के समापन समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने देश में खेलों के क्षेत्र में ऐसा माहौल बनाया है, जहां खिलाड़ियों का चयन परिचय या अधिकार के आधार पर नहीं, बल्कि कौशल और प्रतिभा के आधार पर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज खेलों में अवसर सीमित नहीं, बल्कि असीमित हैं और गरीब परिवारों के बच्चे भी कम उम्र में खेल के शिखर तक पहुंच सकते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, “आज देश में ऐसा सिस्टम तैयार हुआ है, जहां सबसे गरीब परिवार का बच्चा भी अपनी प्रतिभा के दम पर आगे बढ़ सकता है. सरकार ने खिलाड़ियों के लिए हर स्तर पर नए अवसर खोले हैं.”
2036 ओलंपिक की मेजबानी पर जोर
पीएम मोदी ने 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत के प्रयासों का उल्लेख करते हुए युवाओं को इसके लिए तैयार होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत कई बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी करेगा. प्रधानमंत्री ने बताया कि 2030 में अहमदाबाद में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन किया जाएगा, जो युवा खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा अवसर होगा. उन्होंने कहा, “भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए प्रयासरत है. आज जो बच्चे 10 या 12 साल के हैं, वही 2036 के ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. हमें उन्हें अभी से पहचानना, निखारना और राष्ट्रीय मंच तक लाना होगा.”
सांसदों से प्रतिभा पहचानने की अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संसद खेल महोत्सव हर निर्वाचन क्षेत्र से ऐसी खेल प्रतिभाओं को सामने लाने का माध्यम बन सकता है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकें. उन्होंने सभी सांसदों से अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान करने, उन्हें मार्गदर्शन देने और हरसंभव सहायता प्रदान करने की अपील की.
माता-पिता और खिलाड़ियों के नाम संदेश
पीएम मोदी ने खिलाड़ियों को तिरंगे के सम्मान और गौरव के लिए खेलने की याद दिलाई. उन्होंने कहा कि खिलाड़ी सिर्फ अपनी जीत के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए खेलते हैं. इसके साथ ही उन्होंने माता-पिता से विशेष अपील करते हुए कहा कि वे बच्चों को खेलों के लिए प्रोत्साहित करें. प्रधानमंत्री ने कहा, “खेल केवल शिक्षा का हिस्सा नहीं है, बल्कि स्वस्थ शरीर और स्वस्थ दिमाग के लिए भी जरूरी है. माता-पिता बच्चों को खेलने के अवसर दें और उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रेरित करें.”



