गोड्डा से भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने देवघर जिले के मोहनपुर थाना में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मामले में पुलिस की भूमिका उचित नहीं रही और शिकायतकर्ता को जानबूझकर फंसाया गया.
यह आदेश झारखंड हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने पारित किया. सांसद निशिकांत दुबे ने मोहनपुर थाना में दर्ज FIR और उसके आधार पर दाखिल चार्जशीट को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें राहत दी.
मामला देवघर जिले के मोहनपुर थाना कांड संख्या 281/2023 से जुड़ा था. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि मोहनपुर थाना क्षेत्र में बाजार में बैल की खरीद-बिक्री करने वाले एक व्यक्ति को सांसद ने बांग्लादेशी घुसपैठिया बताकर उसके साथ मारपीट की और उसके बैल को भगा दिया. बाद में उस व्यक्ति को पुलिस के हवाले कर दिया गया था.
इस मामले में सांसद निशिकांत दुबे का पक्ष था कि संबंधित क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा गाय और बैल की तस्करी की जाती है, जिसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने पुलिस को सूचित किया था. उन्होंने अदालत में यह भी कहा कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और चार्जशीट तथ्यहीन हैं.
सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने प्राथमिकी को निरस्त करते हुए कहा कि पुलिस ने मामले में निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई नहीं की और जांच में गंभीर खामियां पाई गईं. कोर्ट के इस फैसले के बाद सांसद को बड़ी कानूनी राहत मिली है.



