भगोड़ा नहीं हूं... गिरफ्तारी देने थाना पहुंचे सांसद निशिकांत दुबे, पुलिस ने लौटाया
- Posted on August 9, 2025
- झारखंड
- By Bawal News
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Deoghar: बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश करने के आरोप में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है. इसे लेकर निशिकांत दुबे आज अपनी गिरफ्तारी देने बाबा मंदिर थाना पहुंचे थे, लेकिन थाने में पुलिस ने उनको गिरफ्तार करने से इंकार कर दिया. उनको बताया गया कि आज कोर्ट बंद है. कोर्ट में एफआईआर की कॉपी भी नहीं पहुंची होगी. सांसद को पुलिस ने बताया कि बाबा मंदिर प्रकरण केस में सीधी गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. इस मामले में 3 बार नोटिस दिये जाने के बाद ही किसी कार्रवाई का प्रावधान है. करीब आधे घंटे तक थाने में रहने के बाद सांसद निशिकांत दुबे वापस लौट गये. निशिकांत ने कहा कि वे भगोड़ा नहीं हैं. बीजेपी का कार्यकर्ता हैं. मंदिर का ट्रस्टी, तीर्थ पुरोहित, देवघर में पैदा हुए हैं और यहां का बेटा हैं. केस करने वाले किस आधार पर गर्भ गृह के अंदर थे. यह जांच का विषय है. दुबे ने कहा कि 51 केस उनपर हो चुके हैं और कितना?
7 अगस्त को दर्ज कराई गई थी FIR
बैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश करने के आरोप में दिल्ली के बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ 7 अगस्त को FIR दर्ज कराई गई थी. यह FIR देवघर की पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर की शिकायत पर दर्ज की गई थी. कार्तिकनाथ ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा है कि श्रावणी मेले के दौरान मंदिर में वीवीआईपी दर्शन और गर्भगृह में प्रवेश पर रोक थी. इसके बावजूद 2 अगस्त को मनोज तिवारी, निशिकांत दुबे, उनके पुत्र कनिष्ककांत दुबे, दोनों सांसदों के पीए और देवघर के कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने सभी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया.
पुलिसकर्मियों से भी धक्का-मुक्की का आरोप
शिकायत में कहा गया कि निकास द्वार पर तैनात पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की भी गई, जिससे मंदिर परिसर में अफरातफरी मच गई. इस दौरान श्रद्धालुओं के साथ कोई भी अप्रिय घटना घट सकती थी. सांसदों द्वारा जबरन प्रवेश कर पूजा करने से पूजा बाधित हुई. कार्तिकनाथ ठाकुर ने कहा कि पुरोहितों ने सांसदों और उनके साथियों को गर्भगृह में प्रवेश से मना किया, लेकिन स्थानीय व्यक्ति अभयानंद झा ने मनोज तिवारी और उनके सचिव को जबरन अंदर पहुंचा दिया. इससे
मंदिर परिसर में मौजूद हजारों श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी फैल गई.
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