पटना के पारस अस्पताल में अपराधियों ने चंदन मिश्रा को गोलियों से भूना, जानिये कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा की क्राइम कुंडली

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Patna : राजधानी के राजा बाजार स्थित पारस अस्पताल में कुख्यात अपराधी और बेऊर जेल के कैदी चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. चंदन मिश्रा पैरोल पर बेऊर जेल से बाहर आया था और इलाज के लिए पारस अस्पताल में भर्ती था. पटना के हाई सिक्योरिटी जोन में अस्पताल के अंदर दिनदहाड़े हुए इस घटना ने कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये हैं. उधर घटना के बाद विपक्षी दल राजद और कांग्रेस ने सरकार को घेरा है. वहीं पप्पू यादव घटना के बाद अस्पताल के अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इस दौरान पप्पू यादव और पुलिस के बीच हल्की बहस भी हुई. जिस चंदन मिश्रा की हत्या हुई है वह भी हत्या के मामले का आरोपी है. मर्डर और गैंगवार से जुड़े उसपर दर्जनों केस दर्ज हैं. 

हत्या और गैंगवार के दर्जनों मामले दर्ज

पुलिस के मुताबिक चंदन मिश्रा पर हत्या और गैंगवार से जुड़े दर्जनों केस दर्ज हैं.  बक्सर में चंदन–शेरू गैंग का आतंक था. बाद में शेरू और चंदन में अदावत हो गई थी. पुलिस को शेरू खेमे पर हत्या का शक है. चंदन मिश्रा बक्सर जिले का निवासी था. वह करीब डेढ़ दशक से अपराध की दुनिया में सक्रिय था. 2011 में इंडस्ट्रियल थाना क्षेत्र में दो चर्चित हत्याकांडों में उसका नाम सामने आया था. पहली हत्या 20 अप्रैल को भरत राय की हुई थी और दूसरी 26 जुलाई को शिवजी खरवार की. चंदन इसके अलावा बक्सर मॉडल थाना क्षेत्र में जेल क्लर्क हैदर अली की हत्या के मामले में भी नामजद था. बक्सर के केसरी चूना भंडार के मालिक राजेंद्र केसरी की हत्या भी उसने की थी. इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा मिली थी. इतनी हत्याओं को अंजाम देने के बाद चंदन बिहार के कुख्यात अपराधी की सूची में आ गया था.

2011 का चूना व्यापारी हत्याकांड

बक्सर के चूना व्यापारी राजेंद्र केसरी की हत्या 21 अगस्त 2011 को हुई थी. केसरी से रंगदारी की मांग की गई थी. नहीं देने पर अपराधियों ने हत्या कर दी थी. केसरी के परिजनों ने इस मामले में कुख्यात अपराधी शेरू सिंह और चंदन मिश्रा को भी आरोपी बनाया था. चंदन मिश्रा और शेरू को बंगाल से गिरफ्तार किया गया था. शेरू को जब कोर्ट में पेश किया गया और जज फैसला सुना रहे थे तभी देखकर शेरू ने कोर्ट में ही एक पुलिसकर्मी को गोली मार दी और फरार हो गया. बाद में उसे आरा से पकड़ा गया. फिर जिला अदालत ने शेरू को फांसी की सजा सुनाई. हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने फांसी पर रोक लगा दी थी. इसी हत्याकांड में चंदन को उम्रकैद की सजा सुनाई गयी थी.

21 दिन की पैरोल पर बाहर आया था

चंदन मिश्रा बक्सर जेल में बंद था. हाल ही में उसे भागलपुर जेल शिफ्ट किया गया था. वहीं से वह इलाज के लिए 21 दिन की पैरोल पर पटना लाया गया था. पारस अस्पताल में जैसे ही वह इलाज के लिए पहुंचा, पहले से घात लगाए अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस गोलीकांड का वीडियो अस्पताल मे लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुका है. सभी शूटरों की तस्वीर पुलिस को मिल चुकी है. चंदन मिश्रा की हत्या के पीछे पुरानी रंजिश, गैंगवार या किसी रंगदारी विवाद की आशंका जताई जा रही है. पुलिस के अनुसार, चंदन मिश्रा का संपर्क कई शातिर अपराधियों और गिरोहों से था. संभव है कि जेल में रहते हुए भी उसका प्रभाव बना हुआ था, जिससे कुछ गुटों को खतरा महसूस हो रहा था और इसलिए उसे रास्ते से हटा दिया गया.

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