साल 2026 में 4 बार ग्रहण लगने वाले हैं. इनमें से दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण हैं, लेकिन खास बात ये है कि इनमें से सिर्फ एक चंद्र ग्रहण ही भारत में दिखेगा. एक चंद्रग्रहण और दो सूर्य ग्रहण दूसरे देशों में दिखाई देंगे. साल का पहला चंद्र ग्रहण 3 मार्च 2026 को लगेगा. भारतीय समय के अनुसार शाम 6 बजकर 22 मिनट से ये आरंभ होगा. ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा. इस ग्रहण की अवधि करीब 1 घंटा 31 मिनट की होगी. ये भारत में दिखाई देगा इसलिए सूतक काल भी मान्य होगा. वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अगस्त 2026 को दिखाई देगा. ये भारत में नहीं दिखेगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. ये ग्रहण यूरोप, एशिया में पश्चिम, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका समेत कई देशों में दिखेगा.
साल का पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी को लगेगा, जो वलयाकाल सूर्य ग्रहण होगा. भारतीय समय के अनुसार, 17 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर ग्रहण लगेगा, लेकिन ये भारत में नजर नहीं आएगा. ऐसे में सूतक काल मान्य नहीं होगा. यह सूर्य ग्रहण जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका, जाम्बिया, मोजम्बीक, मॉरीशस, अंटार्कटिका सहित तन्जानिया और दक्षिण अमेरिकी देशों में दिखाई देगा. वहीं दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त को लगेगा. भारतीय समय के अनुसार रात 9 बजकर 4 मिनट से आरंभ होगा. ये पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. लेकिन यह भी भारत में नजर नहीं आएगा. ये ग्रहण स्पेन, रूस, आर्कटिक, ग्रीनलैंड, आइसलैंड और पुर्तगाल के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.
2026 का पहला चंद्रग्रहण 3 मार्च 2026 को लगने वाला है. इस दिन होली भी है. ये 3 मार्च को दोपहर में 6 बजकर 22 मिनट पर ही आरंभ हो जाएगा. यह खण्डग्रास चंद्र ग्रहण होगा. इसलिए भारत के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. यह ग्रहण ग्रस्तोदय रूप में दिखाई देगा. चंद्रमा इस दिन सिंह राशि में केतु के साथ होंगे और राहु की चंद्रमा पर पूर्ण दृष्टि रहेगी. जिससे की यह चंद्रग्रहण व्याप्त होगा. भारत के किसी भी क्षेत्र में इस खग्रास चन्द्रग्रहण का प्रारम्भ, खग्रास प्रारम्भ तथा ग्रहण-मध्य (परमग्रास) नहीं देखा जा सकेगा. केवल पूर्वी राज्यों (बंगाल के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों, नागालैण्ड, मिजोरम, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश आदि) में इस ग्रहण की खग्रास समाप्ति तथा ग्रहण समाप्ति देखी जा सकती है. शेष भारत में तो जब चन्द्रोदय होगा, तब तक खग्रास समाप्त हो चुका होगा और केवल ग्रहण समाप्ति ही दृष्टिगोचर होगी.

