सूर्या हांसदा का एनकाउंटर Fake था!, बीजेपी ने उठाये सवाल... पंकज मिश्रा का भी बयान वायरल है

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (21)-V3OTch2cyS.jpg

Ranchi: बीजेपी, जेवीएम और जेएलकेएम जैसे राजनीतिक दलों से 4 बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुका सूर्या हांसदा का गोड्डा में 11 अगस्त को एनकाउंटर हो गया था. सूर्या के परिजन शुरू से इसे फर्जी एनकाउंटर बता रहे हैं. बीजेपी नेता और पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा और पूर्व विधायक अमित मंडल ने भी दावा किया है कि सूर्या हांसदा को फेक एनकाउंटर में मारा गया है. उधर इन सबके बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का एक भाषण भी वायरल है. 2 जून को पंकज मिश्रा ने यह भाषण गोड्डा में दिया था, जिसमें उसने कहा था कि “गोड्डा अपराध मुक्त होगा. अपराधी जिला छोड़ दें, नहीं तो पुलिसिया कार्रवाई में मारे जाएंगे. सरेंडर करो या मारे जाओ.” कई लोग पंकज मिश्रा के इस बयान को सूर्या हांसदा एनकाउंटर से जोड़ते हुए यह दावा कर रहे हैं कि पंकज मिश्रा के इशारे पर सूर्या हांसदा का एनकाउंटर हुआ है.

लोकतंत्र ने मंच दिया, पुलिस ने सांस छीन ली: अर्जुन मुंडा

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने सूर्या हांसदा के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कहा कि यह एक गहरी साजिश है. उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की. मुंडा ने कहा कि वक्त ने एक आदिवासी को अपराधी बनाया, लोकतंत्र ने दिया मंच, पर पुलिस ने आखिरी सांस छीन ली. आदिवासी नेता सूर्या हांसदा का एनकाउंटर कई सवाल खड़े करता है. जब वे चार बार चुनाव लड़ चुके थे तो इसका मतलब साफ था कि वे मुख्यधारा से जुड़कर काम करना चाहते थे, लेकिन पुलिस द्वारा जिस हिसाब से कार्रवाई की गईं है, वह कई तरह के संदेह खड़ा करता है. अर्जुन मुंडा 17 अगस्त को सूर्या हांसदा के घर जाकर परिजनों से भी मिलेंगे. 

विरोध में उठे स्वर शांत करा देती है सरकार: अमित मंडल

उधर गोड्डा के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता अमित मंडल ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर को लेकर झारखंड सरकार पर कई बड़े और संगीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने मामले की जांच मानवाधिकार और अनुसूचित जनजाति आयोग से कराने की मांग की है. मंडल का कहना है कि झारखंड सरकार पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की तर्ज पर हर उस आवाज को शांत करा देती है, जो उसके विरुद्ध उठती है. उन्होंने भोगनाडीह में बीते दिनों चंपई सोरेन के कार्यक्रम के दौरान आदिवासी ग्राम प्रधानों के विरुद्ध दर्ज हुए मामले और चंपई सोरेन के आप्त सचिव की गिरफ्तारी के मामले की भी याद दिलाई. मंडल ने पुलिस की कार्रवाई सवाल उठाते हुए कहा कि गिरफ्तारी देवघर में हुई और एनकाउंटर बोआरीजोर में होता है. अगर देवघर मे गिरफ्तारी की खबर नहीं फैलती तो एनकाउंटर वहीं हो जाता. 

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