अब दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएगा हसन नसरल्लाह, इजराइल ने मार गिराया, पढ़िये… सब्जी वाले का बेटा कैसे बना हिजबुल्लाह चीफ
- Posted on September 28, 2024
- विदेश
- By Bawal News
- 246 Views
हिजबुल्लाह की कमान संभालते हुए नसरल्लाह को 32 साल से ज्यादा का समय हो गया है. नसरल्लाह ने अपने कार्यकाल में इन 32 सालों में हिजबुल्लाह को इतना ताकतवर बना दिया जितना इजराइल ने उम्मीद भी नहीं की थी.
दिल्ली : इजराइली हमले में हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह मारा गया है. हसन के साथ उसकी बेटी जैनी की भी मौत हो गई है. आईडीएफ ने यह खबर कन्फर्म की है. लेबनान की राजधानी बेरूत में स्थित हिजबुल्ला के मुख्यालय पर हुए हवाई हमले में हसन मारा गया. आईडीएफ ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा “हसन नसरल्लाह अब दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएगा.” इजरायली सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नादाव शोशानी ने भी नसरल्लाह के मारे जाने की बात कही है. डेविड अव्राहम ने बताया कि लेबनान की राजधानी बेरूत पर शुक्रवार (27 सितंबर 2024) को हुए एयर स्ट्राइक में हिजबुल्लाह चीफ मारा गया. हसन नसरल्लाह को मारने वाले ऑपरेशन का नाम NEW ORDER था. नसरल्लाह की मौत के दावे के बाद इजरायली सेना ने कहा, "जो भी इजरायल को धमकाएगा हमें पता है कि उस तक कैसे पहुंचना है. ये हमारी क्षमता का अंत नहीं है." इससे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को UN में भाषण देने के बाद अपने होटल रूम से हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमले की इजाजत दी थी. अटैक के बाद इजराइली PM ऑफिस ने नेतन्याहू की एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें वे लैंडलाइन फोन से लेबनान में हमले का आदेश दे रहे हैं.
32 साल की उम्र में संभाली थी हिज्बुल्लाह चीफ की कमान
इजराइल की नाक में दम करने वाले हसन नसरल्लाह ने 1992 में 32 साल की उम्र में हिजबुल्लाह के चीफ की कमान संभाली थी. नसरल्लाह एक सब्जी वाले का बेटा था. अब्बास अल मुसावी से संपर्क में आने के बाद वो हिजबुल्लाह के साथ जुड़ गया. नसरल्लाह ने अपने कार्यकाल में इजराइल के खिलाफ कई ऑपरेशन को अंजाम दिया. हसन नसरल्लाह का जन्म बेरूत में 31 अगस्त, 1960 में एक बेहद साधारण परिवार में हुआ था. पिता सब्जी बेचते थे और घर के हालात काफी नाजुक थे. पिता के कंधों पर 9 बच्चों की जिम्मेदारी थी. हसन नसरल्लाह महज 16 साल का था, जब उस पर हिजबुल्लाह के पूर्व चीफ अब्बास अल-मुसावी की नजर पड़ी थी. धीरे-धीरे मुसावी और नसरल्लाह के रिश्ते गहरे होते चले गए. 1992 में मुसावी एक हेलीकॉप्टर अटैक में मारा गया था. गुरु की मौत के बाद साल नसरल्लाह ने ही हिजबुल्लाह की कमान संभाली. हिजबुल्लाह की कमान संभालते हुए नसरल्लाह को 32 साल से ज्यादा का समय हो गया है. नसरल्लाह ने अपने कार्यकाल में इन 32 सालों में हिजबुल्लाह को इतना ताकतवर बना दिया जितना इजराइल ने उम्मीद भी नहीं की थी.
2006 से छिप कर रह रहा था
नसरल्लाह के कार्यकाल में हिजबुल्लाह ने लेबनान की सरकार में भी एंट्री की. हिजबुल्लाह का इतना पॉवरफुल चीफ 2006 में इजराइल से जंग के बाद से ही छुप कर रहता था. साल 2014 में एक इंटरव्यू के दौरान नसरल्लाह ने बताया था कि वो बंकर में नहीं रहता, लेकिन वो रोजाना सोने के लिए अपना ठिकाना बदलता रहता है. नसरल्लाह ने कहा था, सुरक्षा के दृष्टिकोण से मेरे लिए जरूरी है कि अगर मैं कहीं भी जाता हूं तो मेरे ठिकाने का किसी को पता न चले, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मैं कहीं जाऊंगा ही नहीं और अपने आस-पास हो रही चीजों को देखूंगा नहीं. हमेशा छिपकर रहने वाला नसरल्लाह 19 सितंबर को सामने आया और एक स्पीच दी. इस स्पीच में नसरल्लाह इजराइल पर भड़का हुआ था और उसने इजराइल के पेजर के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था.
नरसल्लाह को अबू हादी के नाम से भी जाना जाता है
नसरल्लाह के पांच बच्चे थे. उसके सबसे बड़े बेटे की इजराइल के साथ जंग में मौत हो गई थी. नसरल्लाह को अबू हादी के नाम से भी जाना जाता है, जो एक शहीद के पिता पुकारे जाने के बराबर है. 1997 में नसरल्लाह के सबसे बड़े बेटे हादी की इजराइली सैनिकों से लड़ते हुए मौत हो गई थी, उस समय उनके बेटे की उम्र महज 18 साल थी . वहीं नसरल्लाह धीरे-धीरे हिजबुल्लाह की कमान संभालने के बाद शक्तिशाली और प्रभावशाली बनता चला गया. नसरल्लाह ने इजराइल के साथ जंग में अहम किरदार निभाया और उसी के बाद उसका कद बढ़ता चला गया. नसरल्लाह की ही लीडरशिप में इजराइल ने 2000 में साउथ लेबनान से अपना कब्जा हटाया था. 2006 में इजराइल के साथ हुए युद्ध के बाद से ही नसरल्लाह का न सिर्फ हिजबुल्लाह बल्कि मिडिल ईस्ट में काफी कद बढ़ा. 2006 में इजराइल के संग हुई 34 दिन की जंग में उसने खुद की जीत को घोषित किया था.
इजराइल पर 8000 रॉकेट दागे
2006 में इज़राइल के साथ हुए युद्ध के बाद नसरल्लाह इजराइली सीमा के करीब एक छोटे से शहर,बिंट जेबिल पहुंचा और अपने शासन का सबसे प्रभावशाली भाषण दिया. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नसरल्लाह ने अपनी इस स्पीच में दावा किया था कि परमाणु हथियारों के बावजूद इजराइल ‘मकड़ी के जाल की तरह कमजोर’ था.
पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास और इजराइल के बीच शुरू हुई जंग के बाद से हिजबुल्लाह ने इजराइल में करीब 8000 रॉकेट दागे.
Write a Response