योगी की तारीफ करने वाली विधायक पूजा को अखिलेश ने सपा से निकाला, जानिये पूजा की पूरी कहानी...

  • Posted on August 14, 2025
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The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (25)-djKiPjqTaZ.jpg

उत्तर प्रदेश विधानसभा में कल समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ की खूब तारीफ की थी. आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूजा को पार्टी से निकाल दिया. अखिलेश यादव ने कहा कि पूजा पाल ने पार्टी विरोधी गतिविधियां की है. सचेत करने के बाद भी उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियां बंद नहीं की. इससे पार्टी को काफी नुकसान हुआ है. यह एक गंभीर अनुशासनहीनता है. इसलिए तत्काल प्रभाव से पूजा को निष्काषित किया जाता है और पार्टी के सभी पदों से भी हटाया जाता है. विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुलकर तारीफ करने और राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग और पहले बीजेपी प्रत्याशी के लिए प्रचार करने के आरोप में अखिलेश यादव ने यह कार्रवाई की है.

“मेरे पति के हत्यारे को मुख्यमंत्री ने खत्म किया”

पूजा पाल ने कल विधानसभा में अतीक अहमद को लेकर सीएम की ज़ीरो टॉलरेंस नीति का समर्थन किया था. उन्होंने सदन में कहा था कि सभी को पता है उनके पति की हत्या कैसे और किसने की थी, ऐसे कठिन समय में मुख्यमंत्री ने उनकी बात सुनी और न्याय दिलाया, जिसके लिए वह उनका आभार व्यक्त करती हैं. पूजा ने कहा कि 'प्रयागराज में उनके जैसी कई महिलाओं को मुख्यमंत्री ने न्याय दिलाया है और अपराधियों को सजा दी है. प्रदेश के लोग आज मुख्यमंत्री पर भरोसा करते हैं, 'मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को मुख्यमंत्री ने खत्म करने का काम किया, और मैं उनके इस ज़ीरो टॉलरेंस रुख का पूरा समर्थन करती हूं.'

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग

विधायक पूजा पाल की सियासी सफर बेहद दिलचस्प रहा है. पूजा पहले बसपा में गईं, दो बार विधायक रहीं. इसके बाद सपा में शामिल हुईं और फिर चुनाव जीतकर विधायक बनीं. सपा ने भले ही अभी पूजा पाल को पार्टी से निकाला है, लेकिन पूजा पाल की बागवती तेवर यूपी में राज्यसभा का चुनाव के वक्त ही दिख गये थे, जब उन्होंने क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी को वोट दिया था. पूजा के अलापा सपा के 7 विधायक और विधायकों ने भी क्रॉस वोटिंग की थी. उनमें से 4 को कुछ महीने पहले ही पार्टी से निकाला गया था.

25 जनवरी 2005 को हुई थी राजू पाल की हत्या

पूजा पाल के पति बसपा विधायक राजू पाल की हत्या 25 जनवरी 2005 को कर दी गई थी. इसका आरोप अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा था. दंबग छवि वाले राजू पाल कभी माफिया सरगना अतीक अहमद के साथी हुआ करते थे. लेकिन बाद में वो उसेसे अलग हो गए. 2002 के विधानसभा चुनाव में राजू पाल ने इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से अतीक के खिलाफ चुनाव लड़ा था. हालांकि राजू चुनाव हार गए थे. इसके बाद 2004 का लोकसभा चुनाव अतीक ने फूलपुर सीट से लड़ा और जीता. अतीक के इस्तीफे के बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ. समाजवादी पार्टी ने अतीक के भाई अशरफ को वहां टिकट दिया था. उधर बसपा ने राजू पाल को टिकट दे दिया. राजू पाल ने खालिद अजीम को चुनाव हार दिया. यह वे सीट थी, जिस पर 1989 से अतीक का कब्जा था. इस सीट को जीतने के बाद राजू अतीक के सबसे बड़े दुश्मन बन गए. इसी बीच 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज के नेहरू पार्क के पास राजू पाल की हत्या कर दी गई.

पूजा ने अतीक को हराया

राजू पाल की मौत के बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट पर फिर उपचुनाव हुआ. इस बार बसपा ने पूजा पाल को टिकट दिया. पूजा चुनाव लड़ी, लेकिन अशरफ से हार गईं. फिर 2007 में इस सीट पर विधानसभा का चुनाव हुआ. इस बार पूजा ने वहां जीत दर्ज की. इसके बाद 2012 में पूजा ने इस सीट पर अतीक को भी हरा दिया. 2017 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद पूजा बसपा छोड़ सपा में शामिल हो गईं. 

पूजा की बीजेपी से बढ़ रही थी नजदीकियां

पूजा पाल ने अपने पति के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए ट्रायल कोर्ट से लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट और सीबीआई कोर्ट तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. पूजा का कहना है कि उन्हें असली इंसाफ योगी सरकार से मिली, जिसने अतीक अहमद और उसके माफिया राज को खत्म कर दिया. पूजा की बीते कुछ समय से बीजेपी से नजदीकियां बढ़ती दिख रही थी. कई बार वह बीजेपी के मंच पर नजर आई. इतना ही नहीं फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में तो उन्होंने बीजेपी के लिए वोट तक मांगे थे.

 

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