JAC पेपर लीक मामला: SIT का गठन, CID को सौंपी जा सकती है जांच की जिम्मेदारी
- Posted on February 23, 2025
- Education
- By Bawal News
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JAC पेपर लीक मामला: SIT का गठन, CID को मिल सकती है जांच की जिम्मेदारी, कोडरमा से जुड़े हैं पेपर लीक के तार, कई गिरफ्तारियां, डिजिटल डिवाइस जब्त

रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल की मैट्रिक परीक्षा में पेपर लीक होने के मामले में प्रशासन ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. जैक ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को अपनी रिपोर्ट भेज दी है, जिसमें प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी और विभाग द्वारा अब तक की गई कार्रवाई का पूरा ब्योरा दिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, शिक्षा विभाग इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल गठित करने की तैयारी कर रहा है. शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की सहमति के बाद इसे गृह विभाग को भेजा जाएगा, जिसके बाद जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को सौंपी जा सकती है.
DGP ने SIT का किया गठन, जांच में तेजी
राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने इस मामले में एसआईटी का गठन कर जांच प्रक्रिया तेज कर दी है. सूत्रों के अनुसार, पेपर लीक का मामला झारखंड के कोडरमा जिले से जुड़ा हुआ है. पुलिस ने कई डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच जारी है. अब तक कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
DGP अनुराग गुप्ता ने स्पष्ट किया कि जो भी पुराने प्रश्न पत्रों को वायरल कर छात्रों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और उन्हें जेल भेजा जाएगा.
तीन जिलों पर विशेष नजर
इस मामले में कोडरमा, गिरिडीह और गढ़वा जिलों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. JAC ने इन जिलों के उपायुक्तों को पत्र भेजकर जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं.
गौरतलब है कि 20 फरवरी को आयोजित विज्ञान की परीक्षा का प्रश्न पत्र 18 फरवरी को ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसी तरह, हिंदी विषय का पेपर भी लीक हुआ था. हालांकि, 23 फरवरी को संस्कृत का जो प्रश्न पत्र वायरल हुआ, वह फर्जी निकला.
अब प्रशासन की कोशिश है कि इस पूरे पेपर लीक गैंग को जल्द से जल्द बेनकाब किया जाए और दोषियों को कड़ी सजा मिले, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं.
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