बाप-बेटा, Social Media और ऑफिस ऑफ चंपई सोरेन

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (13)-Ggmzob3bIk.jpg

घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की जंग बेहद दिलचस्प होती जा रही है. चुनावी मैदान के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी जंग छिड़ी हुई है. खूब पोस्ट, रिपोस्ट और कमेंट्स हो रहे हैं. 14 अक्टूबर को एनडीए के प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन का प्रोफाइल एक्स पर बना और फिर घाटशिला में सोशल मीडिया पर शुरू हो गया घमासान. बाबूलाल सोरेन हेमंत सरकार के खिलाफ जमकर पोस्ट कर रहे हैं, लेकिन उनके पोस्ट पर जेएमएम के समर्थक उन्हें ऑनलाइन दबोच ले रहे हैं. तब बाबूलाल को बचाने उनके पिता चंपई सोरेन और उनके ऑफिस को पोस्ट और कमेंट में घुसना पड़ रहा है. चंपई सोरेन जेएमएम में लंबे समय तक रहे हैं इसलिए जेएमएम के नेताओं और कार्यकर्ताओं को अच्छी तरह पहचानते हैं. बेटे के पोस्ट पर जेएमएम नेताओं की ओर से आने वाले कमेंट्स पर बाबूलाल के बजाए चंपई सोरेन का ऑफिस जवाब दे रहा है और कमेंट करने वाले नेताओं को चंपई सोरेन के किये गये एहसानों की याद दिला रहा है.

22 अक्टूबर को बाबूलाल सोरेन ने एक्स पर छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिलने के मुद्दे पर पोस्ट किया. इसपर गढ़वा के जेएमएम नेता नवीन तिवारी ने कमेंट किया. उन्होंने लिखा “आपके बस में नहीं है बाबूलाल सोरेन जी, आप जैसे लोगों के झांसे में नहीं आने वाली है भोली-भाली जनता. नवीन के कमेंट पर ऑफिस ऑफ चंपई सोरेन के प्रोफाइल पोस्ट हुआ, “किसी जमाने में, एक तत्कालीन मंत्रीं का करीबी होने के बावजूद, आपका राशन कार्ड नहीं बन पा रहा था, तब पूर्व सीएम चपई सोरेन की मदद से वह बना था. ये यानी बाबूलाल सोरेन उन्हीं के पुत्र हैं, और अपने पिता की तरह ही जरूरतमंदों की मदद करते हैं. घाटशिला की जनता एक जनसेवक को ही अपना प्रतिनिधि चुनेगी. 

अब तो ऑफिस ऑफ चंपई सोरेन के कमेंट के बाद कई जेएमएम समर्थकों के प्रोफाइल से कमेंट आना शुरू हो गया. तब फिर से चंपई सोरेन के ऑफिस से पोस्ट हुआ कि अभी एक एहसान फरामोश को सच बताया गया तो पूरा आईटी सेल बौखला गया. इससे पहले सोशल मीडिया में कई पोस्ट हुए जिसमें बाबूलाल सोरेन को गंवार और जंगली कहा गया. इसपर भी चंपई के ऑफिस वाले प्रोफाइल से सफाई दी गई कि बाबूलाल सोरेन ने रांची विश्वविद्यालय से 2005 में ग्रैजुएशन किया है. उन्हें अनपढ़ बोलने वाले बेवकूफ हैं. चंपई सोरेन और उनका ऑफिस फिल्ड से लेकर सोशल मीडिया तक बाबूलाल सोरेन के पीछे साये की तरह लगा हुआ है. पिछली बार तो चंपई सोरेन घाटशिला में बेटे के लिए कुछ खास नहीं कर पाये थे. देखते हैं इस बार क्या कर पाते हैं.

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