लालू घर में घमासान, रोहिणी ने माता-पिता समेत सभी आरजेडी नेताओं को किया एक्स पर अनफॉलो

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism-wcPvYdTyEV.jpg

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या का अपने परिवार से मोहभंग अब खुलकर सामने आ गया है. रोहिणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने माता-पिता लालू यादव और राबड़ी देवी, भाइयों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव, बहन मीसा भारती समेत पूरे लालू परिवार और राजद नेताओं को अनफॉलो कर दिया है.

गुरुवार को शुरू हुआ यह विवाद उस वक्त उभरा जब आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव की यात्रा बस में उनके करीबी और रणनीतिकार संजय यादव को आगे बैठते देखा गया. इसी के बाद से रोहिणी की नाराज़गी खुलकर सामने आई. एक समय पर सौ से ज्यादा अकाउंट्स फॉलो करने वाली रोहिणी अब सिर्फ तीन हैंडल- अपने पति समरेश सिंह, मशहूर शायर राहत इंदौरी के नाम से चल रहे अकाउंट और सिंगापुर के अखबार ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ को ही फॉलो कर रही हैं.

गौरतलब है कि रोहिणी वही बेटी हैं जिन्होंने अपने पिता लालू यादव को किडनी डोनेट कर नई ज़िंदगी दी थी. उन्होंने हाल ही में सारण (छपरा) से लोकसभा चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी के हाथों मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा. रोहिणी सिंगापुर में अपने पति और बच्चों के साथ रहती हैं. उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा भी थी, लेकिन अब उन्होंने साफ कर दिया है कि न तो वे विधानसभा या राज्यसभा जाना चाहती हैं, न ही किसी को टिकट दिलवाना चाहती हैं और न ही सरकार में कोई पद उनकी प्राथमिकता है. उनका कहना है कि "मेरे लिए आत्मसम्मान सबसे ऊपर है."

पार्टी के भीतर संजय यादव को लेकर पहले से ही असंतोष की स्थिति है. तेजस्वी यादव के सबसे करीबी माने जाने वाले संजय पर आरोप है कि उन्होंने ऐसा सिस्टम बना लिया है जिसमें पार्टी की छवि और निर्णयों पर लालू यादव का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है. यही वजह है कि परिवार के अन्य सदस्य— चाहे वो मीसा भारती हों, तेज प्रताप यादव हों या अब रोहिणी— खुद को दरकिनार महसूस कर रहे हैं.

तेज प्रताप यादव पहले ही बिना नाम लिए 'जयचंद' कहकर संजय यादव पर तंज कसते रहे हैं, लेकिन बाद में अनुष्का यादव से जुड़ा मामला सामने आने के बाद वे पार्टी और परिवार दोनों से अलग-थलग पड़ गए. वहीं मीसा भारती ने स्थितियों को समझते हुए खुद को दिल्ली तक सीमित कर लिया है.

सूत्रों की मानें तो रोहिणी आचार्या का न तो दिल्ली की राजनीति में कोई झुकाव है और न ही वे मनोनीत कोटा से किसी सदन में जाना चाहती हैं. मौजूदा हालात में तेजस्वी यादव के लिए किसी और को विधानसभा के ज़रिए सदन में लाना चुनौती नहीं है, लेकिन पार्टी और परिवार में जो अंदरूनी कलह है, वह भविष्य में कानूनी संकट की स्थिति में बड़ी समस्या बन सकती है. कुल मिलाकर, रोहिणी आचार्या के कदम ने लालू परिवार के भीतर एक बड़े संघर्ष और असंतोष की झलक दे दी है, जिसकी जड़ में संजय यादव की भूमिका अहम मानी जा रही है.

0
Author
No Image
Content creator
Bawal News

Someone who likes to write and teach

You May Also Like

Write a Response