हेमंत के चक्रव्यूह में फंसी बीजेपी, मोरहाबादी से भी बाहर नहीं निकल पाया 'आक्रोश'
- Posted on August 23, 2024
- राजनीति
- By Bawal News
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करीब डेढ़ घंटे तक पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में संघर्ष होता रहा. पुलिस बार-बार वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़कर कार्यकर्ताओं को पीछे हटाती और थोड़ी देर बाद कार्यकर्ता फिर पहुंच जाते.
रांची : राजधानी का मोरहाबादी मैदान शुक्रवार को रणभूमि में तब्दील हो गया. बीजेपी की युवा आक्रोश रैली खत्म होने के बाद कार्यकर्ता सीएम हाउस की तरफ कूच करने लगे. पुलिस ने शिबू सोरेन आवास और ऑक्सीजन पार्क की ओर से सीएम हाउस जाने वाले रास्ते पर बेरिकेडिंग लगाया था. जैसे रही कार्यकर्ता बेरिकेडिंग तोड़ने पहुंचे पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी. कार्यकर्ता तब भी पीछे नहीं हटे. इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने शुरू कर दिये. इधर कार्यकर्ताओं ने भी पुलिस की तरफ पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. इस दौरान 25 से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ता घायल हो गये. घायलों में बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद यदुनाथ पांडेय भी शामिल हैं. उनके पैर में चोट आया है. सभी घायलों को बीजेपी नेताओं की गाड़ियों से रिम्स और आसपास के अस्पतालों में भेजा गया. करीब डेढ़ घंटे तक पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में संघर्ष होता रहा. पुलिस बार-बार वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़कर कार्यकर्ताओं को पीछे हटाती और थोड़ी देर बाद कार्यकर्ता फिर पहुंच जाते. डेढ़ घंटे बाद कार्यकर्ताओं की भीड़ छंटी इसकी बाद प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी और पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा समेत कई नेता और कार्यकर्ता बैरिकेडिंग के पास धरने पर बैठकर नारेबाजी करते रहे. पुलिस भी डटी रही. आखिरकार बीजेपी कार्यकर्ता सीएम हाउस नहीं पहुंच पाये.
चार लेयर तक बेरिकेडिंग तोड़ चुके थे कार्यकर्ता
युवा आक्रोश रैली में बाबूलाल मरांडी का भाषण खत्म होने के बाद 2.35 में बीजेपी के कार्यकर्ता शिबू सोरेन आवास के पास लगे पांच लेयर बैरिकेडिंग को तोड़ने लगे. जब कार्यकर्ता चार लेयर तक बैरिकेडिंग के पास जा पहुंचे तब पुलिस प्रशासन ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का प्रयोग किया. प्रदर्शनकारी पांचवा लेयर तोड़ने लगे, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागना शुरु कर दिया. इस दौरान बीच-बीच में पत्थरबाजी भी होता रहा. मौके पर रांची एसएसपी चंदन सिन्हा समेत पुलिस के कई अधिकारी भी मौजूद थे. वे लोग कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील करते रहे, लेकिन कार्यकर्ता बार-बार बैरिकेडिंग तक पहुंच जा रहे थे.
ये आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन के फव्वारे सरकार को नहीं बचा पाएंगे: बाबूलाल
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, अमर बाउरी और अर्जुन मुंडा ने रिम्स और अन्य अस्पतालों में जाकर घायलों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि आज का दिन लोकतंत्र के काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गया. आंसू गैस के गोले दागे गए. इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत, घबराहट, आंखों से देखने में परेशानी हो रही थी. आंसू गैस के गोले और प्लास्टिक की गोलियां काफी तेज आवाज में चलाई गई. राज्य सरकार द्वारा सुनियोजित तरीके से यह कार्रवाई की गई है. ये आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन के फव्वारे और कंटीले तारों की घेराबंदी भी अब हेमंत सरकार को नहीं बचा पाएंगे. झारखंड के युवाओं को उनके हक की नौकरी, उनके हक का रोजगार और पिछले 5 सालों से हो रही नाइंसाफी का न्याय दिलाने के लिए निर्णायक लड़ाई का आगाज हो चुका है.
यह लहू हिसाब लेगा : बाउरी
अमर बाउरी ने कहा कि जिस तरह से निहत्थे लोगों पर लाठियां बरसाई गई, बम फेके गए, लहू बहाया गया, ध्यान रहे 'मुख्यमंत्री जी' यह "लहू" हिसाब लेगा और इस निकम्मी झामुमो-कांग्रेस सरकार को उखाड़ करके बंगाल की खाड़ी में फेंकेगा. कभी किसी सभा में आंसू गैस से हमले होते आपने देखा है. डरपोक हेमंत सोरेन सरकार ने आज यह भी कर दिखाया है.
बीजेपी नेता पुलिस से उलझने का मन बना कर आए थे : विनोद पांडेय
झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि धर्म, जाति, वैमनस्य, साम्प्रदायिकता फैलाने की मानसिकता रखने वाली बीजेपी के नापाक मंसूबे झारखंड की सरजमीं पर कभी कामयाब नहीं हो सकेंगे. केंद्र और बीजेपी का भेदभाव पूर्ण रवैया जगजाहिर हो चुका है. केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा करके आई थी, लेकिन दस वर्षों से देश के नौजवानों को केवल ठगा गया है. देश का युवा समझदार है और बीजेपी के भेदभाव और साम्प्रदायिक खेल को समझ चुका है. बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा बेपर्दा हो चुका है. यही वजह है कि बीजेपी की रैली से युवा नदारद रहे. बीजेपी के नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए रैली करने नहीं आए थे, उनका उद्देश्य पुलिस को उकसाना था, ताकि बलपूर्वक कार्रवाई की जाए.
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