पदों के ओवरलोड से दबे बाबूलाल! प्रदेश अध्यक्ष पद से चाहते हैं छुटकारा?

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Ranchi: झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी विधायक दल के नेता, और झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी पदों के ओवरलोड से दबे हुए हैं. वे इस ओवरलोड से जल्द से जल्द छुटकारा चाहते हैं. यह बात उन्होंने खुद कही है. राज्यसभा सांसद और बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू को झारखंड बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए बाबूलाल मरांडी कहा कि आज झारखंड बीजेपी को कार्यकारी अध्यक्ष मिला है. जल्द ही पूर्णकालिक अध्यक्ष भी मिलेगा. क्या उनके पास पदों का ज्यादा लोड है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जाहिर है विधायक दल के नेता का दायित्व अपने आप में बड़ी जिम्मेदारी है.

17 फरवरी 2020 को बाबूलाल मरांडी ने 14 साल बाद घर वापसी की थी. इसी दिन उन्होंने रांची में अपनी पार्टी जेवीएम का बीजेपी में विलय कर दिया था. बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें विधायक दल का नेता बनाया गया था. विधानसभा में भी बीजेपी ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में नामित किया था, लेकिन दलबदल कानून का हवाला देते हुए विधानसभा ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं दी. इसी बीच झारखंड में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले 4 जुलाई 2023 उन्हें बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. बाबूलाल के नेतृत्व में बीजेपी ने 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा. विधानसभा चुनाव में बीजेपी हार गई. मरांडी नेता विधायक दल के नेता और फिर नेता प्रतिपक्ष बने. इस दौरान उनके पास प्रदेश अध्यक्ष का भी पद रहा.

बाबूलाल मरांडी के पास 2023 से प्रदेश अध्यक्ष का पद तो था ही, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद मार्च 2025 में उनके पास तीन-तीन पद हो गये. तीनों ही पद बड़ी जिम्मेदारियों वाला है. बाबूलाल खुद चाहते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष वाला पद उनसे वापस ले लिया जाए. संगठन के अंदर फेरबदल तो शुरू हो चुका है. देखते हैं बाबूलाल की इच्छा पार्टी नेतृत्व कब पूरा करता है.

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