रांची के स्कूल में शिक्षक ने की छात्रा से अश्लील चैट, DC ने दिए जांच के आदेश

Minor-INgVe5YtCb.jpg

Ranchi: राजधानी रांची के एक सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय में एक शिक्षक द्वारा नाबालिग छात्राओं के साथ अश्लील व्यवहार और यौन शोषण का एक चौंकाने वाला मामला उजागर हुआ है। रांची के श्रद्धानंद सेवाश्रम मध्य विद्यालय के शिक्षक अभिषेक कुमार सिन्हा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शिक्षक अभिषेक कुमार सिन्हा पर आरोप है कि वे स्कूल की नाबालिग लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा कर उनसे अश्लील बातें करता हैं, इसके अलावा वे नग्न वीडियो चैट के लिए लड़कियों पर दबाव डालता हैं। इसके साथ ही यह भी आरोप है कि उसने एक छात्रा को कथित रूप से होटल में ले जाकर पूरी रात उसके साथ बिताई। बताया जा रहा है कि वह बच्ची मानसिक रूप से इतनी टूट गई है कि वह कई दिनों से स्कूल नहीं गई है। दिसंबर 2023 में स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत अभिषेक कुमार की हरकतें सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। छात्राओं ने शिक्षा सचिव और अन्य अधिकारियों को गुमनाम पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी है। मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने संज्ञान लेते हुए डीईओ और डीएसई को मामले की जांच करने का निर्देश दिया.

यह मामला तब उजागर हुआ जब सोमवार, 18 अगस्त को स्कूल के प्रिंसिपल अनुज कुमार सिंह को आरोपी शिक्षक के आपराधिक कृत्य की जानकारी मिली। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, उन्होंने इस मामले की सूचना पुलिस को देने की बजाय अगले दिन, मंगलवार 19 अगस्त को आरोपी को सिर्फ एक चेतावनी पत्र देकर मामले को दबाने की कोशिश की। प्रिंसिपल ने मंगलवार को स्टाफ के अन्य सदस्यों पर दबाव बनाकर एक पत्र पर हस्ताक्षर करवाए, जिसमें यह उल्लेख किया गया कि सभी शिक्षकों को इस मामले की जानकारी छह महीने पहले से थी। इस कथित दबाव को लेकर शिक्षकों में भी नाराज़गी देखी जा रही है। एक गुमनाम शिकायतकर्ता ने इस पूरे मामले की शिकायत राज्य के शिक्षा सचिव और झारखंड राज्य महिला आयोग को लिखित रूप में दी है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कम से कम 10 से 15 छात्राएं उक्त शिक्षक की आपत्तिजनक हरकतों का शिकार बनी हैं। हैरानी की बात यह है कि शिकायतकर्ता के अनुसार, स्कूल प्रबंधन को इन घटनाओं की पूरी जानकारी होने के बावजूद, किसी भी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

शिकायतकर्ता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल निष्पक्ष जांच की मांग की है। इसमें न केवल आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी की बात कही गई है, बल्कि उन प्रबंधन सदस्यों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग की गई है, जिन्होंने आरोपों को दबाने और छात्राओं को चुप कराने की कोशिश की। शिकायत में यह भी उल्लेख है कि छात्राओं को डरा-धमका कर उनकी चुप्पी सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया। यह मामला अब प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (POCSO) एक्ट, 2012 के तहत गंभीर आपराधिक श्रेणी में आ गया है। इस कानून के तहत नाबालिगों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या शारीरिक उत्पीड़न को गंभीर अपराध माना जाता है, और दोषियों को कठोर सज़ा का प्रावधान है।

1
Author
No Image
Content creator
Bawal News

Someone who likes to write and teach

You May Also Like

Write a Response