शेख हसीना को फांसी की सजा: तख़्तापलट के दौरान हुई हत्याओं के मामले में बांग्लादेश कोर्ट का फैसला
- Posted on November 17, 2025
- देश-विदेश
- By Bawal News
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बांग्लादेश की इंटरनेशनल कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को तख़्तापलट के समय नागरिकों की हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. उनके दो करीबी सहयोगियों - पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (IGP) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून-को भी इसी सजा से दंडित किया गया है. फिलहाल शेख हसीना भारत में रह रही हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि उन्हें सजा कैसे लागू की जाएगी?
जुलाई विद्रोह के लिए दोषी ठहराया गया
कोर्ट ने अपने 453 पन्नों के फैसले में कहा है कि शेख हसीना ने जुलाई 2024 में हुए विद्रोह के दौरान निहत्थे लोगों पर गोली चलाने के आदेश दिए. कोर्ट ने इसे मानवता के खिलाफ अपराध माना है.
कई आरोप साबित
फैसले के मुताबिक, जनवरी 2024 के बाद से हसीना ने विपक्ष पर सख्ती बढ़ाई और चुनावों में धांधली कर तानाशाही की ओर कदम बढ़ाए. छात्रों के विरोध के दौरान बल प्रयोग को भी उनके खिलाफ मुख्य आरोपों में शामिल किया गया.
क्या होगी गिरफ्तारी?
तख़्तापलट के बाद से हसीना भारत में हैं, इसलिए अब भारत की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है. बांग्लादेश सरकार इंटरपोल के माध्यम से उनकी गिरफ्तारी के लिए अंतरराष्ट्रीय वारंट जारी कराएगी.
इंटरपोल की भूमिका
इंटरपोल—194 देशों की अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी—को बांग्लादेश सरकार रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध भेजेगी. इसके बाद इंटरपोल यह नोटिस जारी करेगा, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिरफ्तारी वारंट जैसा माना जाता है.
भारत को आधिकारिक सूचना
चूँकि शेख हसीना भारत में मौजूद हैं, इसलिए बांग्लादेश भारत को इंटरपोल नोटिस के बारे में औपचारिक जानकारी देगा और उन्हें गिरफ्तार कर वापस भेजने का अनुरोध करेगा.
भारत का अहम फैसला
यदि भारत यह कहता है कि वह हसीना को गिरफ्तार नहीं करेगा या उन्हें बांग्लादेश के हवाले नहीं करेगा, तो बांग्लादेश इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाकर भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश कर सकता है.
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