"राहुल गांधी देश में गृहयुद्ध भड़काना चाहते हैं" – BJP सांसद निशिकांत दुबे का पलटवार, जेन-Z पर कांग्रेस की राजनीति पर उठाए सवाल
- Posted on September 19, 2025
- देश
- By Bawal News
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. उन्होंने प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर देश के युवाओं, खासकर Gen-Z यानी नई पीढ़ी की तारीफ करते हुए उन्हें संविधान और लोकतंत्र का असली रक्षक बताया. राहुल गांधी ने लिखा: "देश का युवा, देश का छात्र, जेन-जी संविधान को बचाएगा, लोकतंत्र की रक्षा करेगा और वोट चोरी को रोकेगा. मैं हमेशा उनके साथ हूं."
यह बयान ऐसे समय में आया है जब नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों में छात्र आंदोलनों ने सरकारों को नीतियों में बदलाव के लिए मजबूर कर दिया है. राहुल का यह संदेश 2025 और 2026 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए युवाओं को जोड़ने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है.
निशिकांत दुबे का तीखा हमला
राहुल गांधी के इस पोस्ट पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने करारा पलटवार करते हुए लिखा: "Gen-Z परिवारवाद के खिलाफ है. वह नेहरू, इंदिरा, राजीव, सोनिया के बाद राहुल गांधी को क्यों बर्दाश्त करेगा? राहुल गांधी इस देश में गृहयुद्ध भड़काना चाहते हैं."
उन्होंने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए यह भी कहा की "Gen-Z भ्रष्टाचार के खिलाफ है, वह आपको क्यों नहीं भगाएगा? जब बांग्लादेश इस्लामिक राष्ट्र और नेपाल हिंदू राष्ट्र बन सकता है, तो भारत हिंदू राष्ट्र क्यों नहीं बन सकता? देश छोड़ने की तैयारी कीजिए, वो आ रहे हैं."
युवाओं को साधने की कांग्रेस की रणनीति?
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, राहुल गांधी का यह बयान केवल भावनात्मक समर्थन भर नहीं, बल्कि कांग्रेस की ओर से Gen-Z वोटर्स को रिझाने का एक रणनीतिक दांव है. देश में पहली बार वोट डालने वाले युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है और यह वर्ग आगामी चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकता है. कांग्रेस समर्थकों ने इसे 'संकल्प संदेश' करार देते हुए युवाओं को सक्रिय राजनीति में जोड़ने की कोशिश बताया, जबकि आलोचकों ने इसे 'राजनीतिक बयानबाजी' कहकर कांग्रेस की युवा नीति पर सवाल उठाए हैं.
सोशल मीडिया पर उठा बवाल
राहुल गांधी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है. #GenZForDemocracy जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं. जहां एक ओर कांग्रेस इसे युवाओं की ऊर्जा का सम्मान बता रही है, वहीं भाजपा और अन्य विपक्षी दल इसे देश को ध्रुवीकृत करने की कोशिश बता रहे हैं.
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