झारखंड में पोस्ते की खेती पर रोकथाम का दिख रहा सकारात्मक असर

मुख्य सचिव ने की अब तक की कार्रवाई की समीक्षा, 19 हजार एकड़ से अधिक फसल नष्ट, 190 गिरफ्तारियां, जनजागरूकता और वैकल्पिक खेती पर दिया जा रहा जोर

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रांची: झारखंड में पोस्ते की खेती के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी ने इस अभियान की समीक्षा करते हुए कहा कि पोस्ते की फसल का शत-प्रतिशत विनष्टीकरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को आपसी समन्वय को और अधिक मजबूत करने और अभियान को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए. साथ ही, जितने मामले दर्ज हुए हैं, उनकी तुलना में गिरफ्तारी की संख्या कम होने पर चिंता जताई और अधिक से अधिक गिरफ्तारियां कर आरोपियों को सजा दिलाने पर जोर दिया.

19 हजार एकड़ से अधिक भूमि पर नष्ट की गई फसल

समीक्षा बैठक में बताया गया कि इस अभियान के तहत अब तक 19,086 एकड़ भूमि पर लगी पोस्ते की फसल को नष्ट किया गया है, जो पिछले कुछ वर्षों की तुलना में चार गुना अधिक है. सबसे अधिक कार्रवाई खूंटी जिले में हुई, जहां 10,520 एकड़ भूमि पर लगी फसल को नष्ट किया गया. इसके बाद रांची जिले में 4,624 एकड़ में लगी फसल को नष्ट किया गया. वहीं, पलामू जिले में सबसे कम 396 एकड़ भूमि पर लगी फसल को नष्ट किया गया. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में अभी भी पोस्ते की फसल मौजूद होने की सूचना है, जिसके लिए विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई जारी है.

243 कांड दर्ज, 190 लोगों की गिरफ्तारी

बैठक में बताया गया कि पोस्ते की फसल के विनष्टीकरण के दौरान कुल 283 कांड और 958 सनहा दर्ज किए गए हैं. इस अभियान में अब तक 190 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इस दौरान पुलिस प्रमुख श्री अनुराग गुप्ता ने निर्देश दिया कि पुलिस अधिकारी वन विभाग की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें. उन्होंने कहा कि वन विभाग आमतौर पर अतिक्रमण के मामले दर्ज करता है, जो पोस्ते की खेती की गंभीरता को देखते हुए पर्याप्त नहीं है.

जन जागरूकता पर विशेष जोर

मुख्य सचिव ने पोस्ते की खेती के खिलाफ जनजागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि लोगों को वैकल्पिक खेती से जोड़कर उन्हें पोस्ते की खेती छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए. कुछ स्थानों पर वैकल्पिक खेती के तहत किए गए प्रयासों के सकारात्मक परिणाम मिले हैं. उन्होंने भौतिक सत्यापन के साथ-साथ सैटेलाइट तकनीक की सहायता से भी प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने के निर्देश दिए.

अधिकारियों की मौजूदगी

इस समीक्षा बैठक में गृह विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती वंदना डाडेल, कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्धीक, पंचायती राज विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, संबंधित प्रमंडलों के आईजी, जिलों के एसपी और डीसी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

अभियान 15 मार्च तक रहेगा जारी

मुख्य सचिव ने पोस्ते की खेती को पूरी तरह समाप्त करने के लिए अभियान को 15 मार्च तक जारी रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अभियान के लिए आवश्यक संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी और सभी संबंधित विभागों को प्रभावी समन्वय के साथ कार्य करना होगा.

झारखंड में पोस्ते की खेती के खिलाफ चलाए जा रहे इस व्यापक अभियान से सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं, जिससे नशा कारोबार को रोकने और राज्य में अवैध खेती पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी.

 

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