लैंड फॉर जॉब केस में बढ़ी लालू परिवार की मुश्किल, पढ़िये : IRCTC से चारा घोटाला तक लालू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की पूरी दास्तान
- Posted on September 18, 2024
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- By Bawal News
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लालू यादव पर IRCTC घोटाले का भी आरोप लगा है. यह मामला भी उस वक्त का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे. आरोप है कि रेलवे की कैटरिंग और रेलवे होटलों की सेवा को पूरी तरह IRCTC को सौंप दिया था. इस दौरान रांची और पुरी के बीएनआर होटल के रखरखाव, संचालन और विकास को लेकर जारी टेंडर में गड़बड़ी हुई थी.
पटना : लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. लालू यादव और तेजस्वी के साथ अब तेज प्रताप यादव पर भी शिकंजा कस गया है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू तेजस्वी के साथ लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को भी कोर्ट में पेश होने का समन जारी किया है. इस मामले में पहली बार लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का नाम शामिल किया गया है. हालांकि, आरोपी के तौर पर तेज प्रताप यादव का नाम शामिल नहीं था, लेकिन ईडी के जांच और उसके सप्लीमेंट्री चार्जशीट के बाद कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए तेज प्रताप यादव को भी कोर्ट में पेश होने का निर्देश जारी किया है. कोर्ट ने सभी 8 आरोपियों को समन जारी करते हुए 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है. बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामले में अब मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला जुड़ गया है.
तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है
इन आरोपियों को 7 अक्टूबर को कोर्ट में हाजिर होकर अपना पक्ष रखना होगा. गौरतलब है कि लैंड फॉर जॉब मामले में ED ने 6 अगस्त को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया था. तेजस्वी यादव और लालू यादव के खिलाफ चार्टशीट दाखिल की गई थी. इनके साथ इस चार्जशीट में कुल 11 लोगों के नाम शामिल थे. इनमें में से तीन आरोपी की मौत हो चुकी है.
राजद विधायक किरण देवी को भी भेजा समन
कोर्ट ने जिन लोगों को समन भेजा है उनमें तेजप्रताप यादव और राजद विधायक किरण देवी का भी नाम है. किरण देवी संदेश विधानसभा की विधायक हैं. ईडी ने बिहार स्थित उनके आवास में छापेमारी भी पूर्व में की है. वहीं अब कोर्ट का समन मिलने के बाद उन्हें अदालत में पेश होना होगा. तेजप्रताप यादव को भी कोर्ट के सामने पेश होना होगा.
केस में अबतक क्या-क्या हुआ
मामले में कोर्ट ने 27 जनवरी को ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 9 जनवरी को ईडी ने इस मामले में पहली चार्जशीट को दाखिल किया था. ईडी ने इस मामले में अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था. ईडी से पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई से जुड़े मामले में कोर्ट ने चार अक्टूबर 2023 को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जमानत दी थी. कोर्ट ने 22 सितंबर 2023 को सीबीआई की ओर से दाखिल दूसरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. तीन जुलाई 2023 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट को दाखिल किया था. कोर्ट ने 27 फरवरी 2023 को इन तीनों आरोपितों समेत सभी आरोपितों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया. सात अक्टूबर 2022 को लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव , राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 16 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट को दाखिल किया था.
लैंड फॉर जॉब का पूरा मामला जानिये
आरोप है कि 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने भारतीय रेलवे के 11 जोन में ग्रुप डी की बहालियों में भ्रष्टाचार किया था और लोगों की जमीनें और फ्लैट लेकर उन्हें रेलवे में नौकरी दी थी. इस मामले की सीबीआई और ईडी दोनों एजेंसी जांच कर रही है. जांच में यह बात सामने आई है कि लालू ने अपने और अपने परिवार के लोगों के नाम पर इन जमीनों की रजिस्ट्री कराई थी. सीबीआई और ईडी ने इस मामले में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, दूसरी बेटी हेमा यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव समेत कई लोगों को आरोपी बनाया है.
लालू पर और कौन-कौन से आरोप लगे हैं
IRTCT घोटाले का भी आरोप है
लालू प्रसाद यादव केवल नौकरी के बदले जमीन घोटाला में नहीं फंसे हैं. उनपर आईआरसीटीसी घोटाले का भी आरोप है. IRCTC का मामला रेलवे भर्ती घोटाले से अलग है. IRCTC घोटाले का आरोप भी 2004 में लालू के रेल मंत्री रहते होने की बात है. दरअसल, रेलवे बोर्ड ने उस वक्त रेलवे की कैटरिंग और रेलवे होटलों की सेवा को पूरी तरह IRCTC को सौंप दिया था. इस दौरान रांची और पुरी के बीएनआर होटल के रखरखाव, संचालन और विकास को लेकर जारी टेंडर में अनियमिताएं किए जाने की बातें आई थी.
प्राइवेट होटल को दिया गया था टेंडर
ये टेंडर 2006 में एक प्राइवेट होटल सुजाता होटल को मिला था. आरोप है कि सुजाता होटल्स के मालिकों इसके बदले लालू यादव परिवार को पटना में तीन एकड़ जमीन दी, जो बेनामी संपत्ति थी. इस मामले में भी लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कई लोग आरोपी हैं. इस मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को जमानत मिली थी. फिलहाल तीनों अभी भी जमानत पर हैं.
लालू यादव चारा घोटाले के अलग-अलग पांच मामलों में दोषी भी करार दिए जा चुके हैं. आइए जानते हैं सभी पांच मामलों के बारे में और कोर्ट ने क्या-क्या सजा सुनाई.
1. चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ निकासी : इस मामले में लालू यादव को 5 साल की सजा और 25 लाख रुपए का जुर्माना हुआ था. मामले में लालू यादव समेत 44 आरोपी थे.
2. देवघर कोषागार घोटाला : देवघर सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपए की अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 38 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इसमें लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना लगाया गया था.
3. चाईबासा कोषागार मामले में 5 साल की सजा : तीसरा मामला भी चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ अवैध निकासी का है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 56 आरोपी बनाए गए थे. कोर्ट ने लालू को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई थी. 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था.
4. दुमका कोषागार मामले में सात साल की सजा : चारा घोटाले से ही जुड़ा चौथा मामला दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का है. इसमें लालू प्रसाद यादव को दोषी करार देते हुए दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई गई थी. इसमें 60 लाख जुर्माना भी लगाया गया था.
5. डोरंडा कोषागार मामले में पांच साल की सजा : डोरंडा कोषागार से अवैध तरीके से 139 करोड़ रुपये निकाले गए थे. इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 170 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें 55 की मौत हो चुकी है.
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