IRCTC घोटाला केस: लालू यादव को बड़ा झटका, तेजस्वी और राबड़ी देवी पर भी आरोप तय
- Posted on October 13, 2025
- बिहार
- By Bawal News
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को एक बड़ा झटका लगा है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC घोटाला मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव सहित 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि यह घोटाला लालू यादव की जानकारी में रचा गया और इसका सीधा लाभ उनके परिवार को मिला.
कोर्ट के अनुसार, जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ियां कीं. इसके चलते कुछ खास लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. इस दौरान राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को पटना में बेहद कम कीमत पर कीमती जमीनें दी गईं. सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद लालू यादव से पूछा गया कि क्या वह आरोप स्वीकार करते हैं, जिस पर उन्होंने आरोपों से इनकार किया. बता दें कि यह मामला "लैंड फॉर जॉब" घोटाले से अलग है.
2017 में दर्ज हुआ था केस, CBI ने की थी कई जगहों पर छापेमारी
इस मामले में 7 जुलाई, 2017 को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार से जुड़े पटना, नई दिल्ली, रांची और गुरुग्राम स्थित कुल 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. सीबीआई का कहना है कि उनके पास सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं. वहीं, लालू यादव के वकील का तर्क है कि इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का कोई वैधानिक आधार नहीं है.
क्या है IRCTC घोटाला?
यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव देश के रेल मंत्री थे. उस समय इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) द्वारा दो होटलों के रखरखाव और संचालन के लिए टेंडर जारी किया गया था. आरोप है कि इन टेंडरों में हेरफेर कर सुबोध कुमार सिन्हा की कंपनी 'सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड' को ठेका दिलाया गया. इसके बदले में लालू यादव और उनके परिवार को पटना में कीमती जमीनें बेहद कम दामों पर हस्तांतरित की गईं. सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद नई चार्जशीट दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोप तय किए. अब इस मामले में कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी.
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