रांची में पुलिस ने JLKM नेता देवेंद्रनाथ को घसीट-घसीट कर पीटा, जेएसएससी का घेराव करने पहुंचे कई आंदोलनकारी घायल
- Posted on December 16, 2024
- झारखंड
- By Bawal News
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जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को रद्द करने, इसकी सीबीआई जांच करने की मांग को लेकर असफल अभ्यर्थी रांची में जुटे थे. पुलिस ने भी मोर्चा संभाल रखा था. पूरी तैयारी के साथ आंदोलनकारियों को खदेड़-खदेड़ कर पीटा गया और हिरासत में लिया गया.
रांची : जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में कथित गड़बड़ी के मामले को लेकर सोमवार को नामकुम में खूब बवाल हुआ. परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर राज्यभर से आंदोलनकारी रांची में जुटे. आंदोलनकारी जेएसएससी कार्यालय का घेराव करने जा रहे थे. इसी दौरान पुलिस और प्रदर्शकारियों में भिडंत हो गई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़-खदेड़ कर पीटा. जेएलकेएम के नेता और सिल्ली विधानसभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी रहे देवेंद्र नाथ महतो को भी पुलिस ने घसीट-घसीट कर पीटा और हिरासत में लेकर थाने ले गई. दोपहर करीब 12 बजे नामकुम बाजार स्थित मैदान में प्रदर्शनकारी जुटने लगे. इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी. विभिन्न जिलों से आये प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने खदेड़कर भगा दिया. एडीएम लॉ एंड ऑर्डर और ग्रामीण एसपी ने वहां खुद कमान खुद संभाल रखी थी.
कड़ी सुरक्षा के बीच डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में अभ्यर्थियों का सोमवार से सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन शुरू हुआ है. सफल अभ्यर्थी डॉक्यूमेंट लेकर जेएसएससी कार्यालय पहुंच रहे थे. उधर असफल अभ्यर्थियों के आंदोलन को देखते हुए जेएसएससी कार्यालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. थ्री लेयर सिक्यूरिटी की व्यवस्था की गई थी. सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के लिए आ रहे छात्रों और उनके अभिभावकों को रोककर जांच के बाद आगे जाने दिया गया.
नामकुम से आगे ही नहीं बढ़ पाये आंदोलनकारी
आंदोलनकारियों को जेएसएसी कार्यालय पहुंचने से रोकने के लिए नामकुम के सदाबहार चौक से लेकर जेएसएससी कार्यालय तक निषेधाज्ञा लगाई गई थी. रास्ते में कई जगह बेरिकेडिंग भी की गई थी. बैरिकेडिंग पर सैकड़ों पुलिस जवान के साथ डीएसपी तैनात किए गए. इस बीच आंदोलनकारियों ने सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन कराने आने वाले छात्रों भी को रोकने की धमकी दे दी, जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई.
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
पुलिसिया कार्रवाई से आंदोलनकारी पीछे हट तो गये, लेकिन उनमें काफी आक्रोश है. प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है. छात्र नेता मनोज ने कहा कि जिस जगह पर छात्र एकत्रित हुए थे, वहां निषेधाज्ञा नहीं लागू किया गया था. प्रशासन के द्वारा जबरन छात्रों को हटाया गया और कुछ छात्रों को घसीटते हुए पुलिस की गाड़ी में बिठाया गया है. पुलिस लाठी चार्ज के कारण से कई छात्र गंभीर रूप से घायल हुए हैं. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आंदोलन अब और तेज होगा.
सीएम सीजीएल को अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं : बाबूलाल
प्रदर्शनकारियों पर हुई कार्रवाई पर बीजेपी ने नाराजगी जताई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि JSSC-CGL परीक्षा में गड़बड़ी का विरोध करने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज की घटना अमानवीय और निंदनीय है. छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध का समाधान निकालने की बजाय लाठी और हिंसा के सहारे दमन करने की यह कोशिश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की संवेदनहीनता को उजागर करता है. आज लाठी केवल छात्रों पर नहीं चली है, बल्कि सरकार से न्याय की उम्मीद पर भी प्रहार है. हेमंत सोरेन अपनी हठधर्मिता और अहंकार त्याग कर आंदोलन करने वाले गरीब, मेहनती छात्रों की मांग पर संवेदनापूर्वक विचार करें. CGL परीक्षा को अपनी नाक, अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा मत बनाएं.
लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है : जयराम महतो
जेएलकेएम के चीफ जयराम महतो ने कहा कि वे जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को रद्द करने और इसमें हुई धांधली की सीबीआई जांच की मांग करते हैं. छात्रों के मुद्दों के साथ कल भी थे और आगे भी रहेंगे. परीक्षा को रद्द करने और सीबीआई जांच की मांग को लेकर शांतिपूर्वक आगे बढ़ रहे छात्रों पर लाठीचार्ज की उन्होंने घोर निंदा की. कहा कि हमारे देवेंद्रनाथ महतो समेत कई छात्रों को काफी चोट लगी है. राज्य में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. अफसरशाही चरम पर है. लगातार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
क्यों हो रही परीक्षा रद्द करने की मांग
जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा का आयोजन 21 और 22 सितंबर 2024 को किया था. परीक्षा होने के बाद छात्रों ने पेपर लीक का आरोप लगा कर परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे. इस बीच आयोग ने सफल हुए छात्रों की लिस्ट जारी कर दी जिसके बाद छात्र उग्र हो गए और कई शहरों में प्रदर्शन करने लगे. आयोग ने 16 से 20 दिसंबर को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की तारीख तय की थी. जिसके बाद छात्रों ने आयोग कार्यालय में जाकर विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया था.
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