JAC Paper Leak : विधानसभा के अंदर और बाहर विपक्ष का हंगामा, सीबीआई जांच की मांग

विपक्ष का जोरदार आरोप: परीक्षा प्रश्न पत्र लीक की लगातार घटनाओं को उजागर करते हुए, सरकार की नीतिगत कमियों पर कड़ा सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच और सुधारात्मक कदमों की मांग।

jharkhand vidhansabha-6021eV9z5g.jpg
 

झारखंड: झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने JAC Paper leak मामले को लेकर सदन के अंदर और बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. बीजेपी विधायकों ने सदन के बाहर  तख्तियां हाथ में लेकर सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई. इस प्रदर्शन का मुख्य मुद्दा लगातार सामने आ रही जेपीएससी एवं मैट्रिक परीक्षा प्रश्न पत्र लीक की घटनाएं थीं, जिनसे न केवल विधि व्यवस्था पर सवाल उठे हैं बल्कि युवाओं के भविष्य को भी चोट पहुंची है.

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि परीक्षा प्रश्न पत्रों के लीक होने में सरकार की भूमिका छुपाई जा रही है. भाजपा के विधायक बाबूलाल मरांडी ने इस मुद्दे पर कड़ा बयान देते हुए कहा, "जैसे लगातार प्रश्न पत्र लीक की घटनाएं सामने आ रही हैं, इसमें सरकार की भागीदारी को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है. सब कुछ टेंडर के खेल में हो रहा है." उन्होंने यह भी तंज़ कसते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं तब होती हैं जब सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो और जांच में पारदर्शिता का अभाव हो.

इसी संदर्भ में भाजपा विधायक पूर्णिमा दास ने सरकार पर वादाखिलाफी और धोखे का आरोप लगाया. उनका कहना था कि सरकार ने चुनाव जीतने के लिए महिलाओं और युवाओं को भ्रमित किया, मगर जिम्मेदारी का समय आने पर वह अपने वादों को भूल गई. दास ने CID जांच के आदेश को केवल लीपापोती का एक प्रयास बताया और सीबीआई जांच की मांग की. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की घटनाओं से युवाओं के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

विपक्षी दल के अन्य नेता भी इस मुद्दे पर कड़ी टिप्पणी करने से नहीं चूकें.  विधायक जयराम महतो ने बताया कि लगातार प्रश्न पत्र लीक की घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि वर्तमान सरकार कमजोर है और ब्यूरोक्रेसी का दबदबा अधिक है. महतो ने सरकार से आग्रह किया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाए जाएँ. उन्होंने कहा कि सरकार में मंत्रियों के चयन में पारदर्शिता का अभाव है और इसी कारण जांच प्रक्रिया में निष्पक्षता लाने में असफलता देखी जा रही है.

सदन के अंदर भी इस मुद्दे पर गर्मागर्म बहस छिड़ी. बजट सत्र के आरंभ होते ही विपक्ष ने प्रश्न पत्र लीक मामले पर सरकार की आलोचना की, जिससे सदन में तनाव का माहौल बन गया. विपक्ष ने जोर देकर कहा कि परीक्षा प्रक्रिया में सुधार के बिना आगे बढ़ना संभव नहीं है.

इस बीच, सत्ता पक्ष ने इन आरोपों का बचाव करते हुए तर्क दिया कि परीक्षा संचालन के लिए निजी एजेंसी का चयन केंद्र सरकार के निर्देशानुसार किया गया था. सरकार का कहना था कि निजी एजेंसी द्वारा आयोजित परीक्षा में कभी-कभी सुरक्षा संबंधी खामियां आ जाती हैं, लेकिन इस दिशा में सुधार लाने के लिए सरकार जिला स्तर पर परीक्षा केंद्र स्थापित करने का सुझाव दे रही है. कांग्रेस के विधायक जयमंगल सिंह ने भी सरकार से यह आग्रह किया कि वे सीधे परीक्षा संचालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएँ, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके.

इन विरोध प्रदर्शनों ने झारखंड विधानसभा में एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और सुरक्षा के मुद्दे पर सभी दलों के बीच गहरी चिंताएं बनी हुई हैं.
मंत्री दीपिका सिंह पांडेय और चमरा लिंडा कहते हैं कि सरकार पूरे मामले की जांच कर रही है और विपक्ष को धैर्य रखना चाहिए. विपक्ष राजनीति करने के बजाय इसकी जांच में सहयोग करें.

इस पूरे मामले ने यह भी उजागर किया है कि जब तक सरकार और संबंधित एजेंसियां मिलकर सुधारात्मक कदम नहीं उठाती, तब तक परीक्षा प्रणाली में त्रुटियाँ बनी रहेंगी. सभी दलों के बीच यह सहमति बन गई है कि शिक्षा और भविष्य से जुड़ी इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की चूक बरदाश्त नहीं की जा सकती. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और गहन चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो सके.
 

 

1
Author
No Image
Content creator
Bawal News

Someone who likes to write and teach

You May Also Like

Write a Response