क्या है झारखंड का चुनावी अपशकुन, क्यों हारते हैं सीटिंग सीएम और स्पीकर ?

  • 2019 में सीटिंग सीएम रघुवर दास जमशेदपुर पूर्वी से विधानसभा चुनाव हारे थे.
  • 2014 में सीटिंग सीएम हेमंत सोरेन दुमका विधानसभा सीट से चुनाव हारे थे.
  • शिबू सोरेन 2008 में सीटिंग सीएम रहते हुए तमाड़ विधानसभा उपचुनाव हार गये थे.
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रांची : झारखंड की राजनीति में मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री आवास से जुड़े कई अपशकुन की चर्चाएं अक्सर होती है. पहले कांके रोड स्थित सीएम हाउस को अपशकुन माना जाता था. कहा जाता था कि वहां रहने वाला कोई सीएम अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उसी बंगले में रहकर 5 साल का कार्यकाल पूरा कर इस मिथक को तोड़ दिया. झारखंड की राजनीति में 2008 के बाद एक और अपशकुन की चर्चा सीटिंग मुख्यमंत्री को लेकर जुड़ गई. दरअसल 2008 के बाद कोई सीटिंग सीएम झारखंड में विधानसभा चुनाव और उपचुनाव नहीं जीत पाया. अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री रहते हुए 2005 में विधानसभा चुनाव जीते थे. उसके बाद कोई सीटिंग सीएम नहीं जीत पाया. पहली बार 2008 में मुख्यमंत्री रहते हुए शिबू सोरेन तमाड़ उपचुनाव में हारे थे और फिर आखिरी बार 2019 में रघुवर दास सीटिंग सीएम रहते हुए चुनाव हार गये. इन दोनों की हार अप्रत्याशित थी. 

तमाड़ उपचुनाव में शिबू सोरेन की हुई अप्रत्याशित हार

वर्ष 2008 में राज्य के मधु कोड़ा की सरकार गिरने के बाद शिबू सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. उन्हें 6 महीने के अंदर विधायक बनना था. कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के समर्थन से वे तमाड़ विधानसभा उपचुनाव में खड़े हुए. उनके सामने झारखंड पार्टी के उम्मीदवार राजा पीटर थे. शिबू सोरेन राज्य के सबसे बड़े आदिवासी नेता थे. तमाड़ विधानसभा सीट भी एसटी सुरक्षित सीट है. शिबू सोरेन के पक्ष में यूपीए के बड़े-बड़े नेता तमाड़ में कैंप कर रहे थे. किसी को उम्मीद नहीं थी कि शिबू सोरेन चुनाव हारेंगे. जब चुनाव का रिजल्ट आया तो हर कोई हैरान था. शिबू सोरेन राजा पीटर से करीब 9000 वोट से चुनाव हार गये थे.

रघुवर दास अपने गढ़ में बुरी तरह हारे

2019 के विधानसभा चुनाव में सीटिंग सीएम रघुवर दास की भी अप्रत्याशित हार हुई थी. रघुवर दास 1995 से लगातार 5 बार पूर्वी जमशेदपुर से विधायक रहे थे. वे कभी चुनाव नहीं हारे, लेकिन बीजेपी के बागी सरयू राय ने सीएम और पूर्वी जमशेदपुर के सीटिंग विधायक रघुवर को बुरी तरह हरा दिया. सरयू राय पश्चिमी जमशेदपुर के सीटिंग विधायक थे, लेकिन 2019 में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर वे रघुवर के खिलाफ चुनाव में उतर गये. राजनीतिक पंडितों ने कहा कि सरयू राय बुरी तरह हारेंगे, लेकिन हुआ उल्टा. सरयू राय ने रघुवर दास को 15,808 वोट से चुनाव हरा दिया.

क्या 2024 में हेमंत तोड़ पाएंगे मिथक ?

2014 के विधानसभा चुनाव के वक्त हेमंत सोरेन सीटिंग सीएम थे. उन्होंने दो विधानसभा सीट (दुमका और बरहेट) से चुनाव लड़ा था. हेमंत सोरेन सीटिंग सीएम के साथ-साथ दुमका सीट से सीटिंग विधायक भी थे, लेकिन बीजेपी की लुईस मरांडी से चुनाव हार गये. बरहेट विधानसभा सीट से जीत हासिल होने के कारण हेमंत सोरेन की लाज बच पाई. 2024 में चुनाव से पहले हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं. देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे इस विधानसभा चुनाव में सीटिंग सीएम के हारने वाले मिथक को तोड़ पाएंगे.

ये पूर्व मुख्यमंत्री हार चुके हैं चुनाव

2014 में बाबूलाल मरांडी राजधनवार और गिरिडीह विधानसभा सीट से चुनाव हार गये.
2014 में मधु कोड़ा मंझगांव विधानसभा सीट से चुनाव हारे.

 

ये सीटिंग स्पीकर हार चुके हैं चुनाव


2019 में सीटिंग स्पीकर दिनेश उरांव सिसई विधानसभा सीट से चुनाव हारे
2014 में शशांक शेखर भोक्ता सारठ विधानसभा सीट से चुनाव हारे
2009 में सीटिंग स्पीकर आलमगीर आलम पाकुड़ से चुनाव हारे
2005 में सीटिंग स्पीकर मृगेंद्र प्रताप सिंह चुनाव हारे

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