री-एडमिशन फीस वसूलने वाले स्कूलों से 2.5 लाख तक जुर्माना वसूलेगी सरकार, बस शिक्षा न्यायधिकरण में कर दें कंप्लेन
- Posted on March 25, 2025
- झारखंड
- By Bawal News
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रांची : स्कूलों में नये सत्र में एडमिशन शुरू हो गया है. कई प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से री-एडमिशन के नाम पर भारी-भरकम फीस वसूल रहे हैं. झारखंड विधानसभा में आज यह मुद्दा जोरशोर से उठा. हजारीबाग के विधायक प्रदीप प्रसाद ने सदन में मामला उठाते हुए कहा कि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त झारखंड एकेडमिक काउंसिल, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड द्वारा संचालित निजी स्कूलों में फीस अलग-अलग क्यों होती है. क्या इसे समान करने की जरूरत नहीं है.
50 रुपये से 2.5 लाख तक जुर्माना
शिक्षा मंत्री ने रामदास सोरेन ने सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि निजी स्कूलों के मनमाने तरीके से फीस वसूलने की प्रवृति को रोकने के लिए झारखंड शिक्षा न्यायधिकरण संचालन अधिनियम बना हुआ है. डीसी की अध्यक्षता में कमेटी की बैठक होती है. शिक्षा मंत्री ने बताया कि निजी स्कूलों के लिए समिति बनाई जाती है. जिसमें अभिभावक, प्रिंसिपल, शिक्षक, जनप्रतिनिधि और जिले के डीसी होते हैं. अगर कई स्कूल गड़बड़ी करती है तो कमेटी को अधिकार है कि वो उसपर 50 रुपये से 2.5 लाख तक जुर्माना लगा सकती है.
न्यायाधिकरण की बैठकें नियमित कराने की अपील
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल ने कहा कि यह विषय गंभीर है. न्यायाधिकरण तो बना हुआ है, लेकिन नियमित बैठकं नहीं होता है. विभाग प्रत्येक महीना या एडमिशन से पहले कमेटी की बैठक सुनिश्चित कराए. विधायक-सांसद को भी बैठक से कुछ दिन पहले सूचना दिया जाए. बीजेपी विधायक नवीन जयसवाल ने भी प्राइवेट स्कूलों में हर साल री-एडमिशन के नाम पर पैसे लेने पर रोक लगाने की मांग की, उन्होंने कहा कि यह प्रथा पूरी तरह से अनुचित है और सरकार को इस पर सख्त कदम उठाना चाहिए.
स्पीकर ने कानून बनाने पर दिया जोर
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर किसी प्राइवेट स्कूल में री-एडमिशन के नाम पर पैसे लिए जा रहे हैं, तो उसकी शिकायत कीजिए हम कार्रवाई करेंगे. मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में जो गजट जारी किया गया है, वह सभी जिलों में लागू होगा और इसके तहत जिला स्तर पर बैठकें आयोजित की जाएंगी. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने भी प्राइवेट स्कूलों में विसंगतियों को दूर करने के लिए एक ठोस कानून बनाने की जरूरत पर जोर दिया, जिसपर शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि जिला स्तर से कोई अनुशंसा मिलती है तो सरकार इस पर विचार करेगी.
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