‘बंधक’ वाले बयान पर बोले मंत्री इरफान, मीडिया ने ‘गलत’ किया... बीजेपी ने INDI गठबंधन से पूछा: क्या संविधान खतरे में नहीं?

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (6)-hGi9PJ7Qxg.jpg

‘BLO को बंधक बना लो’ वाले वायरल बयान से झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी फिर सुर्खियों में हैं. बीजेपी ने उनसे इस्तीफा देने की मांग कर दी है. वहीं इरफान ने अपने बयान पर खेद जताने के बजाए मीडिया को ही गलत ठहरा दिया है. मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि, “कुछ मीडिया संस्थानों ने मेरी बातों को गलत संदर्भ में पेश किया है, जिसकी मैं कड़ी निंदा करता हूं. मैंने केवल इतना कहा था कि हमारे क्षेत्र में कुछ फर्जी लोग नकली BLO बनकर गरीबों को डराने और पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे थे. ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति नाम काटने या कोई अवैध कार्य करने आए, तो उसकी सूचना तुरंत हमें और प्रशासन को दें. BLO हमारे सम्मानित पदाधिकारी हैं और निर्वाचन आयोग के अंग हैं. उनकी जगह कोई फर्जी व्यक्ति नहीं ले सकता.

लोकतंत्र को बंधक बनाने का प्रयास नहीं? : सुधांशु त्रिवेदी
उधर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इरफान अंसारी के बयान को लेकर इंडिया गठबंधन पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मीडिया में प्राप्त समाचारों के अनुसार झारखंड के एक मंत्री इरफान अंसारी यह पब्लिकली बोलते हैं कि यदि कोई BLO तुमसे जानकारी लेने के लिए आए, तो उसको बंधक बना लो. मैं पूरी विनम्रता से और दृढ़ता से INDI गठबंधन वालों से पूछना चाहता हूं, ये लोकतंत्र को बंधक बनाने का निंदनीय प्रयास है या नहीं? जहां-जहां INDI गठबंधन के दल सत्ता में आते हैं, वहां संविधान की भावना दरकिनार कर दी जाती है. वो भी कुछ संदिग्ध स्रोतों से वोट प्राप्त करके सत्ता पर कब्जा करने के लिए.

पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं: बाबूलाल मरांडी

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इरफान अंसारी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि देश का संविधान चुनाव आयोग को मतदाता सूचियों की शुद्धता और सटीकता बनाए रखने के पूर्ण अधिकार देता है, लेकिन विडंबना यह है कि संविधान बचाने का ढोल पीटने वाले राहुल गांधी के करीबी और झारखंड सरकार के कांग्रेसी मंत्री इरफान अंसारी ही संवैधानिक प्रक्रिया में बाधक बन रहे हैं और सार्वजनिक मंच से BLO को “घर में बंद करने” और “बंधक बनाने” जैसी धमकी दे रहे हैं. ऐसे गैर-जिम्मेदार और उकसाने वाले बयान न केवल SIR प्रक्रिया को बाधित करते हैं, बल्कि पूरी चुनावी प्रणाली और लोकतांत्रिक मर्यादाओं पर सीधा प्रहार है. जब किसी मंत्री के शब्द ही कानून-व्यवस्था और चुनावी कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दें, तो उसके पास पद पर बने रहने का न नैतिक और न ही संवैधानिक अधिकार रह जाता है.

मंत्री को तुरंत बर्खास्त करें: चंपई सोरेन
वहीं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा है कि चुनाव आयोग के SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को लेकर झारखंड के एक बड़बोले मंत्री का बयान उनकी बौखलाहट को दर्शाता है. ऐसे उकसाऊ बयान देने वाले मंत्री को तुरंत बर्खास्त करने की जरूरत है. भारत का संविधान सिर्फ भारतीय नागरिकों को वोट देने का अधिकार देता है और घुसपैठियों के नाम काटने की इस कवायद से झारखंड के आदिवासियों- मूलवासियों को, बिना किसी विदेशी हस्तक्षेप के, अपने प्रतिनिधि चुनने में आसानी होगी।. झारखंडवासियों को यह पता है कि जो लोग हमारी जमीनें, बहु-बेटियों की अस्मत एवं सरकारी योजनाओं में हमारे अधिकार को छीन रहे हैं, उन्हें पहचानना और बाहर निकालना जरूरी है. एसआईआर के माध्यम से वोटर लिस्ट का यह शुद्धिकरण, भारत के लोकतंत्र को सुदृढ़ एवं सशक्त बनाएगा, जिसमें हर भारतीय की सक्रिय सहभागिता रहेगी. यह वक्त का तकाजा है कि झारखंडवासी एकजुट होकर एसआईआर की इस मुहिम को सफल बनाएं, तथा ऐसी लोकतंत्र- विरोधी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब दें.

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