JSSC CGL : अभ्यर्थी ने प्रोफेसर के साथ मिलकर सेट किया पंचपरगनिया भाषा का पेपर, फिर दे दी परीक्षा
- Posted on December 21, 2024
- झारखंड
- By Bawal News
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जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में न सिर्फ पेपर लीक हुआ है, बल्कि पेपर तैयार करने, छपाई और ट्रेजरी में रखने तक में भारी लापरवाही बरती गई है. एसआईटी ने कहा है कि साक्ष्य को मिटाने के लिए यह लापरवाही की गई है. एसआईटी ने दोषियों पर कार्रवाई की सिफारिश की है.
रांची : जेएसएससी सीजीएल परीक्षा- 2023 के लिए जिस प्रोफेसर ने पेपर सेट किया उसका पति खुद ही परीक्षा का अभ्यर्थी था. पति ने पेपर सेट करने में प्रोफेसर की मदद भी की थी. इतना ही नहीं प्रश्नपत्र की छपाई से लेकर उसे ट्रेजरी में रखने तक में भी भारी लापरवाही हुई है. सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले में जांच के लिए गठित एसआईटी ने यह रिपोर्ट दी है. एसआईटी की रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन दैनिक भास्कर ने एसआईटी की जांच रिपोर्ट के हवाले से यह खबर प्रकाशित की है. खबर के मुताबिक एसआईटी ने कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में पेपर लीक के लिए परीक्षा एजेंसी सतवत इंफोसोल प्राइवेट लिमिटेड और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही यह भी कहा है कि छापाखाना से लेकर रांची ट्रेजरी में पेपर रखने के दौरान भारी लापरवाही हुई है. ट्रक से पेपर उतारकर ट्रेजरी में रखने के लिए जिन मजदूरों को लगाया गया था उनके पार मोबाइल फोन थे. वे सभी मोबाइल लेकर ट्रेजरी के अंदर गये. ट्रेजरी के अंदर क्या हुआ यह किसी को नहीं पता, क्योंकि अंदर कैमरे नहीं लगे थे.
प्रोफेसर सबिता ने पति के साथ मिलकर तैयार किया पेपर
जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा के पेपर्स तैयार करने का काम सतवत इंफोसोल कंपनी को दी गई थी. एजेंसी के क्लाइंट रिलेशनशिप मैनेजर तन्मय कुमार दास ने पेपर चेन्नई और रांची के शिक्षकों से तैयार करवाया. पंचपरगनिया भाषा का पेपर रांची वीमेंस कॉलेज की सहायक प्रोफेसर सबिता कुमारी मुंडा ने सेट किया था, इसमें उनके पति एंथोनी मुंडा ने उनको मदद की थी. एंथोनी मुंडा खुद सीजीएल की परीक्षा के अभ्यर्थी हैं. सबिता जनवरी 2018 से अनुबंध पर वीमेंस कॉलेज में पढ़ा रही हैं. उसके पति एंथोनी ने पश्चिम सिंहभूम के लुपुंगगुटू स्थित संत जेवियर स्कूल में सीजीएल की परीक्षा दी थी.
बिना एग्रीमेंट के तैयार कराये गये पेपर्स
सबिता ने एसआईटी को बताया कि पीएचडी करने के दौरान वो तन्मय से पहली बार मिली थी. सितंबर 2022 में तन्मय ने उन्हे फोन पर ही परीक्षा का पेपर तीन सेट में तैयार करने को कहा था. सिलेबस को वॉट्सएप पर भेजा, पेपर सेट करने में उसने अपने पति की मदद ली. पेपर पति के लैपटॉप पर तैयार किया गया फिर प्रिंटआउट तन्मय को दे दिया गया, जबकि ऑरिजनल पेपर लैपटॉप में ही था. एक महीने के बाद तन्मय ने दोबारा तीन सेट में पेपर तैयार करने को कहा, पेपर तैयार होने पर एंथोनी लैपटॉप लेकर बस स्टैंड पहुंचा जहां उसने तन्मय के पेन ड्राइव में पेपर को कॉपी कर दिया, इस दौरान भी मेन पेपर एंथोनी के लैपटॉप में ही छोड़ दिया गया. पेपर सेट करने के लिए कोई लिखित एग्रीमेट नहीं हुआ था.
नागपुरी का पेपर खूंटी की प्रोफेसर से तैयार करवाया गया
खबर के मुताबिक नागपुरी भाषा का पेपर खूंटी के बिरसा कॉलेज में अनुबंध पर कार्यरत सहायक प्रोफेसर अंजुलता ने तैयार किया था. उन्होने एसआईटी को बताया कि तन्मय ने नवंबर 2023 में सीजीएल परीक्षा के लिए तीन सेट में 100 प्रश्न तैयार करने को कहा था. कोई भी पत्र देने से इंकार करते हुए उन्होने मोबाइल पर सिलेबस भेज दिया. एक महीने बाद उन्होने पेपर तैयार कर लिफाफे में तन्मय को भेज दिया जिसपर न कोई सील था और न ही कोई हस्ताक्षर. कुछ दिन बार फिर पेपर भेजकर सुधार करने को कहा. 28 जनवरी को जो परीक्षा में पेपर दिया गया उसमें अधिकतर प्रश्न उनके तैयार किए हुए थे.
सतवत इंफोसेल के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश
पुलिस ने जांच के दौरान सतवत इंफोसेल के नेटवर्क को-ऑडिनेटर से पेपर की छपाई के दौरान का सीसीटीवी फुटेज मांगा जो उपलब्ध नहीं कराया जा सका. परीक्षा संचालन को लेकर तैयार एसओपी भी नहीं दी गई. एसआईटी ने रिपोर्ट में कहा कि प्रश्न पत्रों की टाइपिंग, छपाई, पैकेजिंग, भंडारण की जगह सीसीटीवी की निगरानी नहीं ती. एसआईटी ने इसके लिए कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ साक्ष्य नष्ट करने का आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की है.
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