Bihar News: नई सरकार के गठन से पहले बढ़ी सरगर्मी, दिल्ली में संजय झा–ललन सिंह की बैठक से अटकलें तेज

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बिहार में नई सरकार के गठन से पहले राजनीति में हलचल बढ़ गई है. जेडीयू–भाजपा गठबंधन में कैबिनेट की सीट शेयरिंग पर लगभग सहमति बन गई है, जिसमें दोनों दलों के मंत्रियों की संख्या बराबर रखने पर फैसला हो चुका है. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों में खींचतान तेज हो गई है.

दिल्ली बुलाए गए जेडीयू के दो प्रमुख नेता
सोमवार देर रात बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया, जब केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह तथा जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे. दोनों नेता भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर रहे हैं. यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसी के बाद नए मंत्रिमंडल और शपथ ग्रहण की तस्वीर साफ हो सकती है.

कुर्सी की जंग—अध्यक्ष पद पर दोनों की नजर
जेडीयू और भाजपा सत्ता में बराबरी बनाए रखना चाहते हैं. तय यह हुआ है कि कैबिनेट में दोनों दलों की हिस्सेदारी बराबर होगी. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष पद पर दोनों में टकराव बना हुआ है.

जदयू का तर्क: विधानपरिषद का सभापति भाजपा के पास है, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष पद उन्हें मिलना चाहिए.

भाजपा का दावा: मुख्यमंत्री जेडीयू का है, ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष पद पर उनकी स्वाभाविक दावेदारी बनती है.

यह पद भविष्य में सरकार की स्थिरता और रणनीति के लिए बेहद अहम माना जाता है, इसलिए कोई भी पार्टी पीछे हटने को तैयार नहीं है.

दिल्ली में जारी अंतिम चरण की बातचीत
दिल्ली में ललन सिंह और संजय झा शीर्ष नेतृत्व के साथ मंत्रिमंडल गठन, विभागों के बंटवारे और नए चेहरों को लेकर अंतिम चर्चा कर रहे हैं. संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही अंतिम फैसला सामने आ सकता है.

दो उपमुख्यमंत्री बनाने की तैयारी
नीतीश कुमार नहीं चाहते कि उपमुख्यमंत्री का पद सिर्फ भाजपा के पास रहे. इसलिए उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि एक उपमुख्यमंत्री जेडीयू से और एक भाजपा से होना चाहिए, ताकि सत्ता संरचना में संतुलन बना रहे.

नीतीश कुमार का स्पष्ट संदेश—‘बराबरी से चलेगी सरकार’
नीतीश कुमार हमेशा संतुलन की राजनीति के लिए जाने जाते हैं. इस बार भी उन्होंने यह साफ संकेत दिया है कि गठबंधन तभी स्थिर रह सकता है जब दोनों दल समान हिस्सेदारी और सम्मान के साथ आगे बढ़ें. जेडीयू नेताओं का कहना है कि नीतीश किसी पर दबाव नहीं बना रहे, बल्कि यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भविष्य में कोई विवाद या असंतोष न उभरे.

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