40 साल बाद चंपई के घर से उतरा हरा रंग, बीजेपी में शामिल होने से पहले ही भगवाधारी बने दादा

  • Posted on August 28, 2024
  • By Bawal News
  • 499 Views

जीवन के 40 वर्ष तक हरे रंग की हरियाली में डूबे चंपई सोरेन को मानों अब हरे रंग से ही नफरत हो गई है. यही वजह है कि वे अपने आसपास से हरियाली हटाने में लग गये हैं.

champai-house-1024x576-UitVT5X2u3.jpg

सरायकेला : झामुमो से दिल टूटते ही पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन झामुमो से जुड़ी यादों और निशानियों को एक-एक कर मिटाते जा रहे हैं. 40 साल तक झामुमो का झंडा ढोने वाले चंपई सोरेन अभी चंद दिनों पहले तक हरे रंग में सराबोर थे. घर में झंडे हरे. घर की दीवारों पर हरियाली. जीवन के 40 वर्ष तक हरे रंग की हरियाली में डूबे चंपई सोरेन को मानों अब हरे रंग से ही नफरत हो गई है. यही वजह है कि वे अपने आसपास से हरियाली हटाने में लग गये हैं. झामुमो से बगावत और बीजेपी में शामिल होने की खबरों के बीच एक हफ्ते पहले उनके सरायकेला के जिलिंगगोड़ा स्थित आवास से झामुमो का हरा झंडा हटाया गया. अब जब 30 अगस्त को चंपई सोरेन का बीजेपी में जाना तय हो गया है तो उनके जिलिंगगोड़ा आवास की दीवारों पर लगे हरे रंग को मिटाकर उसके उपर केसरिया रंग चढ़ा दिया गया है. चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने से पहले ही चंपई और उनका घर भगवा रंग में रंग चुका है.

 

अब घर में लहरायेगा भाजपा का झंडा

 

चंपई सोरेन के आवास के एक स्टॉफ ने बताया कि चंपई सोरेन का फोन आया था उन्होंने घर से हरा रंग को हटाकर उसे भगवा रंग में रंगने का निर्देश दिया है. जिस घर में 40 साल तक झामुमो का हरा झंडा लहराता था उसे तो एक हफ्ते पहले ही उतार दिया गया था. चंपई सोरेन के जिलिंगगोड़ा पहुंचने से पहले घर में भाजपा का झंडा लहराने लगेगा.

 

झामुमो से जुड़ी हर पहचान को मिटा देना चाहते हैं

 

चंपई सोरेन झामुमो के पुराने और झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन से सबसे करीबी नेता माने जाते थे. चंपई ने भी हर वक्त सोरेन परिवार के प्रति अपनी वफादारी साबित भी की. हेमंत सोरेन जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर जेल चले गये तब भी चंपई ने वफादारी साबित की. सरकार के कार्यक्रमों में बोलते थे कि हेमंत सोरेन को भाजपा ने साजिश के तहत जेल में डाल दिया है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वे सीएम हाउस में नहीं रहे, बल्कि डीसी आवास के सामने स्थिति अपने सरकारी आवास में रहे. चंपई का झामुमो से मोहभंग लोकसभा चुनाव के समय शुरू हो गया था. हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद जिस तरह से उन्हें विधायक दल की बैठक का एजेंडा नहीं बताया गया और सीधा इस्तीफा मांग लिया गया. इस वाकये के बाद चंपई ने खुद को अपमानित महसूस किया. चंपई इसका जिक्र भी अपने एक्स पोस्ट में कर चुके हैं. यही वजह है कि झामुमो से टूटने के बाद अब चंपई उससे जुड़ी हर याद और पहचान को मिटाना चाहते हैं.

Author
No Image
Content creator
Bawal News

Someone who likes to write and teach

Write a Response