आपने तो 30 मिनट में ही सीजफायर कर लिया... दम है तो मोदी बोलें ट्रंप हैं झूठे, संसद में राहुल गांधी ने सरकार को घेरा

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New Delhi: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आज संसद मे जोरदार बहस हुई. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही, सभी विपक्षी दलों ने हमारे सशस्त्र बलों और भारत की निर्वाचित सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने का संकल्प लिया था, लेकिन आपने तो ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में ही सीजफायर कर लिया. अगर मोदी जी में इंदिरा गांधी का 50% भी साहस है, तो उन्हें सदन में कहना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रम्प सीजफायर के बारे में झूठ बोल रहे हैं. राहुल ने आगे कहा, राष्ट्र आपकी राजनीति, इमेज और पीआर से ऊपर है.

100 फीसदी इच्छाशक्ति होनी चाहिए

राहुल गांधी ने कहा कि दो शब्द हैं एक 'राजनीतिक इच्छाशक्ति' और 'ऑपरेशन की स्वतंत्रता'. अगर आप भारतीय सशस्त्र बलों का उपयोग करना चाहते हैं तो आपके पास 100 फीसदी राजनीतिक इच्छाशक्ति और ऑपरेशन की स्वतंत्रता होनी चाहिए. उन्होंने कहा, कल रक्षा मंत्री ने 1971 और ऑपरेशन सिंदूर की तुलना की. मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि 1971 में राजनीतिक इच्छाशक्ति थी. सातवां बेड़ा हिंद महासागर के रास्ते भारत आ रहा था. तब तत्कालीन पीएम ने कहा कि हमें बांग्लादेश के साथ जो करना है करना होगा और जहां भी आना है आओ."

टाइगर को आजादी देनी पड़ती है

राहुल गांधी ने कहा, हम राजनीतिक काम से लोगों से मिलते रहते हैं. जब हाथ मिलाते हो तब पता चल जाता है कि ये टाइगर है. टाइगर को आजादी देनी पड़ती है.सेना को पूरी आजादी देनी होती है. राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. सेना के उपयोग के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है. 1971 में तब की प्रधानमंत्री ने अमेरिका की परवाह नहीं की. एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया.

आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं

उन्होंने कहा, कल सैम मानेकशॉ को कोट किया गया. इंदिरा गांधी से सैम मॉनेकशॉ ने कहा कि हम अभी ऑपरेशन नहीं कर सकते. हमें छह महीने का समय चाहिए, गर्मियों में करेंगे. इंदिरा जी ने पूरा समय दिया था. रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1.35 पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है. यह एस्केलेटरी नहीं थी. अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए. आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया. यह बता दिया कि आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है. सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए.

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